लखनऊ: बीते सप्ताह मुख्तार अंसारी के गुर्गों की तलाश में की गई छापेमारी में लखनऊ पुलिस ने प्रदीप सिंह के घर से एक बुलेटप्रूफ गाड़ी बरामद की थी. इस गाड़ी की जांच-पड़ताल में पुलिस को कई अहम जानकारियां हासिल हुई हैं. पुलिस के मुताबिक बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मुख्तार अंसारी दहशत में आ गया था. तब उसने अपने 10-12 गुर्गों की गाड़ियों को अवैध तरीके से बुलेटप्रूफ करवाया था. पुलिस इस जानकारी को इसलिए भी पुख्ता मान रही है क्योंकि मुख्तार के लिए काम करने वाले सुरेंद्र कालिया के पास भी कुछ दिनों पहले ही बुलेटप्रूफ गाड़ी बरामद हुई थी.


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मुख्तार के गुर्गों ने स्कॉर्पियो और फॉर्च्यूनर गाड़ियों को पंजाब और मेरठ में बुलेटप्रूफ करवाया था. इस काम में हर गाड़ी पर करीब 20 लाख रुपए का खर्च आया था. बीते दिनों लखनऊ पुलिस की दबिश के दौरान प्रदीप सिंह फरार हो गया था. उसके घर से पुलिस ने वायरलेस सेट्स और एक बुलेट प्रूफ फॉर्च्यूनर गाड़ी बरामद की थी. यह गाड़ी प्रदीप सिंह के साथी और पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी के भेनुमती अपार्टमेंट स्थित फ्लैट पर पार्क की गई थी. प्रदीप पिछले कुछ समय से मुख्तार का करीबी हो गया था. पुलिस की मानें तो वाराणसी के ही एक एजेंट से मिलकर उसने सभी गाड़ियों को बुलेटप्रूफ करवाया था.


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साल 2018, जुलाई में बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद मुख्तार अंसारी ने अपनी जान को खतरा बताया था. उसने यह बात कई बार दोहराई थी. मुन्ना बजरंगी की हत्या से मुख्तार इतनी दहशत में आ गया कि वह पंजाब की रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश की जेलों में अपना ट्रांसफर ही नहीं करवाना चाहता. इसी दहशत के चलते मुख्तार अंसारी ने अपने दो दर्जन गुर्गों की गाड़ियों को बुलेटप्रूफ करवाया था. आपको बता दें कि योगी सरकार आने के बाद से ही मुख्तार अंसारी गैंग के सफाए का काम बहुत तेजी से चल रहा है. यूपी पुलिस और प्रशासन ने मुख्तार और उसके गुर्गों की अवैध कमाई के जरिए को नेस्तनाबूद कर दिया है. अब इनकी अवैध संपत्तियों की कुर्की-जब्ती हो रही है. 


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