लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुरोध पर अभी राज्य संपत्ति विभाग विचार कर ही रहा था कि उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी अपना बंगला खाली करने के लिए दो साल का समय मांगा है. इसे लेकर उन्होंने एक खत राज्य संपत्ति विभाग को लिखा है. उन्होंने जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा का हवाला देकर सरकारी आवास को खाली करने के लिए दो साल की मोहलत मांगी है. साथ ही बंगला खाली करने तक बाजार दर पर किराया देने की पेशकश की है. आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री 1992 में 4, विक्रमादित्य मार्ग पर आवास आवंटित हुआ था. 25 सालों से अधिक समय से वो इसी बंगले में रह रहे हैं. इसी में रहते हुए वो दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बने. 


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23 मई को भेजा पत्र
मुलायम सिंह ने बुधवार (23 मई) को राज्य संपत्ति अधिकारी को पत्र भेजकर 4, विक्रमादित्य आवास खाली करने के लिए दो साल की मोहलत मांगी है. उन्होंने वहीं कारण गिनाए हैं जो अखिलेश यादव ने दो सालों में बंगला खाली करने की अनुमति देने के लिए पत्र में लिखे हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास राजधानी लखनऊ में कोई और घर नहीं है. 


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अखिलेश ने भी मांगा दो साल का समय
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपना सरकारी आवास खाली करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग से दो साल का समय मांगा है. अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने अपने लिए राजधानी में कोई घर नहीं बनाया है. वो अपने लिए और अपने पिता (मुलायम सिंह यादव) के लिए घर खोज रहे हैं. अगर उन्हें किराए का मकान मिल जाता है तो वो बंगला खाली कर देंगे.



SC के आदेश के बाद हरकत में आया विभाग
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को आवंटित सरकारी आवास को खाली करने का आदेश दिया था. इसके बाद हरकत में आई यूपी सरकार के राज्‍य संपत्ति विभाग ने यूपी में छह पूर्व मुख्‍यमंत्रियों को सरकारी आवास 15 दिनों में खाली करने का नोटिस दिया था. इसके बाद से ही सभी के बीच सरकारी बंगला खाली करने की जद्दोजहद चल रही है.