वाराणसी: अमूमन आप अपने घर का वेस्ट मटेरियल फेंक देते हैं, लेकिन वाराणसी नगर निगम ने वेस्ट मटेरियल से खूबसूरत चीजें बना कर मिसाल पेश की है. जो सामान लोग अनुपयोगी समझ कर कबाड़ मे फेंक देते हैं, नगर निगम ने उन्हीं कबाड़ की चीजों से शहर के सौंदर्यीकरण का जिम्मा उठाया है. 


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आज तक आपने कबाड़ को लेकर सदुपयोग के बारे में सोचा नहीं होगा. यह कल्पना भी नहीं की होगी कि जो कबाड़ गंदगी का पर्याय होता है, उसका इस्तेमाल किसी चीज की खूबसूरती बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के नगर निगम ने इसको सार्थक किया है कि कबाड़ से भी सौंदर्यीकरण किया जा सकता है. बता दें कि वाराणसी के नगर निगम द्वारा चलाए गए वर्कशाप में कबाड़ के रूप में फेंके गए उपकरण व अन्य संसाधन को इकट्ठा कर चौराहों को सुंदर बनाने का काम किया जा रहा है. 



BHU के छात्रों का अहम योगदान 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेस्ट टू वेल्थ एंड वेस्ट टू आर्ट की पहल ने शहर की खूबसूरती तो बढ़ाई ही है, साथ ही लोगों को ध्यान भी आकर्षित कर रहा है. दरअसल, यह कारनामा  बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के दृश्य कला संकाय के छात्रों और नगर निगम प्रयासों के चलते ही मुमकिन हो पाया है. BHU के छात्र, नगर निगम के वर्कशाप में कबाड़ के रूप में फेंके गए उपकरणों व अन्य संसाधनों को एकत्रित कर चौराहों को सुंदर बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं. गौरतलब है कि शहर में कबाड़ के सामानों का इस्तेमाल कर चौराहों को सुंदर बनाया जा रहा है.



जागरूकता फैलाना है मुख्य उद्देश्य 
वाराणसी के कचहरी चौराहे पर कबाड़ के सामान से बना ग्लोब, अम्बेडकर चौराहे पर बनी तितलियां और चौकाघाट पुल पर बनी योग की मुद्रा ने शहर के चौराहों को सुंदर और स्वच्छ बना दिया है. नगर निगम वाराणसी द्वारा कबाड़ के सामानों से चौराहों को सुंदर बनाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों को जागरुक करना है, ताकि आमजन भी अपने घरों में कबाड़ की वस्तुओं का सही इस्तेमाल कर घर की खूबसूरती को बढ़ा सकें.