लखनऊ : प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव को लेकर प्रत्याशियों ने वादों और दावों का पिटारा खोल दिया है. मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं. इस बार लोगों में काफी उत्साह है. 2017 के निकाय चुनाव के मुकाबले इस बार लगभग 38,386 उम्मीदवार अधिक हैं. हालांकि इस बार नगर निगम और नगर पंचायतों की संख्या में भी 45.72 फीसदी की वृद्धि हुई है. वार्ड की संख्या बढ़ने से भी उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि कुछ नगर निगमों में मेयर पद के प्रत्याशियों की संख्या में कमी आई है. इसकी एक बड़ी वजह आरक्षण में हुआ बदलाव भी है.


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अलीगढ़ : मेयर पद के लिए इस बार 15 प्रत्याशी मैदान में हैं. 2017 में 13 प्रत्याशी थे.
प्रयागराज : पिछली बार जहां मेयर पद के लिए 24 उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी थी, वहीं इस बार 21 मैदान में हैं.
कानपुर नगर :  मेयर पद के लिए 13 प्रत्याशी किस्मत आजमा रही हैं. पिछली बार निर्यदलीय की संख्या छह थी, इस बार पांच है.
झांसी : 2017 में मेयर पद के लिए हुए चुनाव में 20 प्रत्याशी थे. इस बार 6 उम्मीदवार हैं.
आगरा : इस बार एससी महिला सीट के लिए आरक्षित है. यहां मेयर पद के लिए 10 प्रत्याशी हैं, पिछली बार 13 थे.
फिरोजाबाद : पिछली बार यहां 11 प्रत्याशी थे, इस बार भी प्रत्याशियों की यही संख्या  है.
बरेली : इस बार यहां 15 उम्मीदवार हैं. पिछली बार से यह संख्या 3 कम  है.
शाहजहांपुर : नगर निगम में पहली बार चुनाव हो रहा है. यहां 9 प्रत्याशी मेयर पद के लिए अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
गोरखपुर : नगर निगम पद के लिए 13 प्रत्याशी मैदान में हैं.
गाजियाबाद : 12 प्रत्याशी
अयोध्या : 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
लखनऊ : इस बार 13 प्रत्याशी मैदान में हैं जबकि पिछली बार 17 थे.
मथुरा-वृंदावन : पिछली बार की तरह 8 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
वाराणसी : मेयर पद के लिए कुछ 11 प्रत्याशी मैदान में हैं.
सहारनपुर : 8 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. पिछली बार 12 प्रत्याशी मैदान में थे.


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