रायबरेली : पूरे प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर जहां भाजपा की आंधी रही वहीं रायबरेली में चौंकाने वाले परिणाम आये हैं। यहां एक नगर पालिका और नौ नगर पंचायत में से पांच पर ही भाजपा जीत दर्ज करा पाई है। वहीं शहर की नगर पालिका सीट पर सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में कॉंग्रेस को संजीवनी मिली है। विधानसभा चुनाव में जहां कॉंग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी वहीं रायबरेली नगर पालिका की सीट को कॉंग्रेस के शत्रोहन सोनकर ने आसानी से जीत ली। शत्रोहन सोनकर ने भाजपा की शालिनी कनौजिया को 17 हज़ार 7 सौ 57 वोटों से हरा दिया।


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वहीं भाजपा समेत अन्य पार्टियों को सत्ताधारी दल के विधायक अशोक कोरी की विधानसभा और केंद्रीय मंन्त्री स्मृति इरानी के संसदीय क्षेत्र में बड़ा झटका लगा है। यहां की तीन नगर पालिका सीट पर निर्दलीयों ने जीत का परचम लहराया है। यहां सलोन में निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रशेखर रस्तोगी ने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के अली अहमद राइनी को 1600 वोटों से  हराया है।


वहीं परशदेपुर में निर्दलीय प्रत्याशी विनोद कौशल ने सपा के मोहम्मद इस्लाम को 129 वोटों से हरा दिया। उधर नसीराबाद में निर्दलीय प्रत्याशी मोहम्मद अली ने भाजपा की अनीसा बानों को 5 सौ 21 वोटों से हरा दिया है। ऊंचाहार नगर पंचायत में भाजपा की ममता जायसवाल ने बसपा की तबस्सुम खातून को 1120 वोटों से शिकस्त दी है। वहीं डलमऊ में  भाजपा के ब्रजेश दत्त गौड़ ने सपा के मोहम्मद अकरम को 645 वोटों से हराया है। लालगंज में कॉंग्रेस की सरिता गुप्ता ने भाजपा की ऊषा पांडेय को 1155 वोटों से मात दे दी।


बछरावां में भाजपा के शिवेंद्र सिंह उर्फ रामजी ने सपा के प्रमोद पटेल को 2 हज़ार 3 सौ 7 वोटो से पटखनी दे दी। उधर नवसृजित शिवगढ़ नगर पंचायत के लिए भाजपा की सुमन गौतम ने निर्दलीय अर्चना पासी को 35 सौ 3 वोटों से हराया है। महराजगंज नगर पंचायत में भाजपा की सरला साहू ने सपा के शोभनाथ वैश्य को 13 सौ 79 मतों से शिकस्त देकर चौथी बार सीट पर कब्ज़ा जमाया है। रायबरेली नगर पालिका पर कॉंग्रेस का झंडा बुलंद करने वाले शत्रोहन सोनकर ने इस दौरान कहा कि उनकी जीत से यहां कॉंग्रेस मजबूत होगी और 2024 में इसका सीधा लाभ मिलेगा।


यूपी निकाय चुनाव प्रचार अभियान में यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने दौरा किया था. रायबरेली में नगर निकाय चुनाव की सियासी पिच तैयार हो गई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी के बीच यहां कांटे की टक्कर होगी. यहां रायबरेली नगर पालिका और 9 नगर पंचायत हैं पिछली बार नगर पालिका पर कांग्रेस की जीत हुई थी. लेकिन कांग्रेस के चेयरमैन बाद में बीजेपी में शामिल हो गई.  पिछले 5 साल में इन निकायों में लगभग 75 हजार नये वोटर बने हैं. यह मतदाता पहली बार शहर की सरकार चुनेंगे. अगर आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 2017 में 2,43,719 मतदाता थे. इस बार 3,19,617 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. रायबरेली में पहले चरण के तहत 4 मई को वोटिंग है. इसको लेकर सभी तैयारियां प्रशासन की तरफ से कर ली गई है.  


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समाजवादी पार्टी ने पारसनाथ नगर पालिका अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने सत्रोहन सोनकर को बनाया है. प्रतिभा शुक्ला प्रभारी मंत्री का पूरा फोकस निकाय चुनाव पर है. नगर पालिका परिषद रायबरेली से शालिनी कनौजिया को प्रत्याशी बनाया गया है. सपा प्रत्याशी पारसनाथ 1995 और 2000 में नगर पालिका का चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार भी वह पूरी ताकत लगाएंगे. 



कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर
रायबरेली सीट बीजेपी और सपा से अधिक कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा है. यहां से  सोनिया गांधी सांसद हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भी रायबरेली की जनता ने उन्हें यहां से सांसद बनाया. जबकि अमेठी सीट से राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब देखना ये है कि निकाय चुनाव में कांग्रेस क्या लोगों का वह भरोसा बरकरार रखने में कामयाब रहती है या बीजेपी और सपा यहां नया विकल्प बनने में सफल होंगे.


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