Kanpur Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव होने जा रहे हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. तमाम दल राजनीति की बिसात बसाने में लगे हुए हैं. अपने विरोधियों को चित्त करने के लिए रणनीतियां बनाई जा रही हैं. भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी ,कांग्रेस, और बहुजन समाज पार्टी वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए काम कर रहे हैं. बात अगर कानपुर की करें तो यहां पर बीजेपी के भीतर ही राजनीति की खबरें हैं.


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निकाय चुनाव के साथ गाजियाबाद में सियासी हलचल तेज, BJP से आशा शर्मा मजबूत दावेदार


सत्यदेव पचौरी और सांसद देवेंद्र सिंह आमने-सामने
राजनीति के एक्सपर्ट्स की मानें तो इस समय खेमेबंदी अपनी चरम सीमा पर है. नगर निगम में मेयर की सीट काफी महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित मानी जाती है. मेयर सीट को लेकर कानपुर भाजपा के दो दिग्गज आमने-सामने नजर आ रहे हैं. पहला खेमा कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी का है. इस खेमे में  उनके साथ अकबरपुर से लोकसभा सांसद देवेंद्र सिंह भोले समेत कई बड़े नेता खड़े हैं. दूसरा खेमा बीजेपी के अब तक विधान सभा चुनावों में अजेय रहे सतीश महाना का है. उनका साथ निवर्तमान महापौर प्रमिला पांडे समेत तमाम एमएलए और बड़े दिग्गज हैं.


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बीजेपी के अंदर खेमेबंदी जारी
भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) की कानपुर महापौर सीट (Kanpur Mayor Seat) को लेकर पार्टी के अंदर खेमेबंदी जारी है. लोकसभा चुनावों (Loksabha Election) से पहले ही पार्टी के दिग्गज अपनी संभावनाओं के मद्देनजर अपनी-अपनी चाल चल रहे हैं. सतीश महाना और सत्यदेव पचौरी गुट ने कानपुर, लखनऊ और दिल्ली में लामबंदी शुरू कर दी है. एक गुट की पसंद ब्राह्मण उम्मीदवार है तो दूसरा गुट मेयर के लिए गैर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर लोकसभा चुनाव में समीकरण साधने की तैयारी में लगा हुआ है. 


निकाय चुनाव में प्रत्याशी के लिए अलग-अलग मत
मसलन एक गुट चाहता है कि लोकसभा चुनाव से पहले होने जा रहे निकाय चुनाव में ब्राह्मण प्रत्याशी को उतारा दिया जाए जबकि इसके उलट दूसरा गुट की हसरत है कि महापौर पद के लिए ब्राह्मण प्रत्याशी के अलावा किसी दूसरी जाति से उम्मीदवार को उतारा जाए. इसके लिए दोनों ही गुट कवायद में जुट गए हैं.  अपनी मंशा पूरी करने के लिए कानपुर से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक अपने चालें चलना भी शुरू कर दिया है.ऐसा माना जा रहा है कि निकाय चुनाव अधिसूचना से पहले बीजेपी मेयर प्रत्याशी के लिए संभावित नाम का ऐलान नौ अप्रैल को फाइनल हो सकता है. 


कानपुर सीट से नौ महिला दावेदार
महिला सीट होने के बाद कानपुर सीटे के लिए दावेदारों की लाइन है. कानपुर सीट के लिए अब-तक 30 के करीब महिला दावेदारों ने अप्लाई किया है. महिला सीट होने के बाद दावेदारों की भरमार है. जातीय समीकरणों की मानें तो भाजपा यहां पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने के मूड में लगती है. माना जा सकता है कि अगले साल लोकसभा चुनाव में गैर  ब्राह्मण  प्रत्याशी मैदान में आ सकता है. 


राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अगर मेयर ब्राह्मण प्रत्याशी होगा तो लोकसभा में गैर ब्राह्मण उतारा जा सकता है. ऐसे समीकरण में पार्टी लोकसभा चुनावों में सतीश महाना पर फिर दांव लगा सकती है. सतीश महाना को जिताऊ प्रत्याशी माना जाता है. फिलहाल भाजपा मेयरपद के लिए किसी मजबूत, अनुभवी महिला प्रत्याशी की तलाश में है. 


प्रमिला पांडे को सतीश महाना का साथ
दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ज्यादातर महिलाओं ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल, राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, सांसद सत्यदेव पचौरी को अपने आवेदन दिए हैं. खबरों के मुताबिक इस बार फिर भाजपा में ब्राह्मण प्रत्याशी उतारने को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. सरला सिंह की तरह निवर्तमान मेयर प्रमिला पांडेय एक बार फिर टिकट को लेकर लखनऊ दिल्ली का दौरा करने में लगी हुई हैं. लखनऊ से निराश लौटी निवर्तमान मेयर दिल्ली दौरे पर गई थीं और वहां से भरोसा मिला है. अंदरूनी सूत्र उनका टिकट मानकर चल रहे हैं. पिछली बार की तरह ही इस बार भी प्रमिला पांडे के साथ सतीश महाना खड़े हुए हैं. 


संभावित ब्राह्मण दावेदार
संभावित ब्राह्मण दावेदारों में प्रमिला पांडे, रीता शास्त्री, मनीषा वाजपेयी, अनीता चतुर्वेदी सहित करीब आठ प्रमुख दावेदार हैं जिन्होंने आवेदन किया है. दूसरी वरिष्ठता के आधार पर राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर का नाम भी चर्चा में हैं. दक्षिण क्षेत्र की पूर्व अध्यक्ष अनीता गुप्ता, वर्तमान अध्यक्ष डॉ बीना आर्य पटेल, प्रदेश उपाध्यक्ष कमलावती सिंह ,महिला मोर्चा उत्तर की अध्यक्ष सरोज सिंह का नाम प्रमुख रूप से चर्चा में है. 


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