UP Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में आगामी नगर निकाय चुनाव को समय से ना कराने और इसे टालने को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. यूपी स्टेट पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों के एकदिवसीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए सोची-समझी रणनीति के तहत निकाय चुनाव टालने का आरोप लगाया.


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बीएसपी चीफ ने कहा, ''भाजपा की नीयत व नीति अगर यूपी निकाय चुनाव को सही कानूनी तरीके से समय पर कराकर उसे टालने की नहीं होती तो वह धर्मान्तरण, मदरसा सर्वे आदि के 'संघ तुष्टीकरण' एजेंडा को लागू करने में ही समय व शक्ति को बर्बाद करने के बजाय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण सही से सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पर अपना ध्यान केंद्रित करती तो आज ऐसी विचित्र और दुखद स्थिति पैदा नहीं होती. अब यह यूपी सरकार का विशेष दायित्व है कि लोकतंत्र के हित में निकाय चुनाव पूरी संवैधानिक व कानूनी प्रक्रियाओं के साथ समय से हो, वरना सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली से त्रस्त जनता का यह सोचना गलत नहीं होगा कि बीजेपी दिल्ली नगर निमग की तरह चुनाव को टालते रहना चाहती  है ''


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कांग्रेस-बीजेपी पर लगाया आरक्षण विरोधी होने का आरोप
उन्होंने आगे कहा, ''कांग्रेस और भाजपा दोनों ही घोर आरक्षण विरोधी पार्टियां हैं. यही कारण है कि न दोनों पार्टियों ने आपस में मिलकर पहले एससी व एसटी वर्ग के उत्थान के लिए उनके आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को लगभग निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया और अब वही बुरा रवैया ओबीसी वर्ग के आरक्षण के साथ भी हर जगह किया जा रहा है. इनकी इसी जातिवादी नीयत के कारण सरकारी विभागों में इनके आरक्षण के हजारों पद वर्षों तक खाली पड़े हैं। इस मामले में सपा की भी सोच, नीति व नीयत ठीक नहीं है.''


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सीमा विवाद को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना 
उन्होंने कहा, '' बीजेपी शासित कर्नाटक व महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर तकरार व टकराव अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. भाजपा जब आन्तरिक सीमा विवाद का समाधान नहीं निकाल पा रही है तो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा विवाद का क्या होगा? इसके अलावा उन्होंने यूपी सरकार के मंत्रियों के विदेशों में 'रोड शो' को लेकर भी सवाल उठाए, उन्होंने कहा,  वैसे जनहित व जनकल्याण को लेकर यूपी सरकार के भी खेल विचित्र व निराले हैं. धन्नासेठों के धनबल पर देश के चुनावों में ''रोड शो'' करने की कला के माहिर लोगों को अब सरकारी धन से विदेश में ''रोड शो'' करने का नया शहखर्चीला चसका लग गया है, यह अति - दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है.


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