लखनऊ: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर एक बार फिरसे आक्रोश बढ़ने लगा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इशारे पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने नगर निकाय चुनाव में कम आरक्षित सीटें देने को लेकर स्थानीय निकास निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ में आपत्ति दर्ज की है. 


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आरक्षण सूची में खामियां
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने जारी आरक्षण सूची में खमिया गिनाते हुए नगर निगम, नगर निकाय और नगर पंचायत के चुनाव में कम सीटें आरक्षित करने की बात कही है. वहीं समाजवादी पार्टी ने नियमावली में हुए संसोधन की मांग स्थानीय निकाय निदेशालय के नाम भेजी है.


पिछड़े वर्ग के लिए कही बात  
समाजवादी पार्टी का कहना है कि नगर पंचायत अध्यक्ष के कुल  544 पद है, उनका कहना है कि जिला बलरामपुर, कानपुर नगर, ललितपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है.


सीटों को लेकर बवाल 
यूपी नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए 199 पदों पर अनुसूचित जाति को 24 सीटे आरक्षित है जिसमें अनुसूचित जाति महिलाओं को आरक्षण नियमावली के विपरीत 16 पद आरक्षित कर 66 फीसदी भागीदारी दी है जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के कुल पद 544 के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 147 पद आरक्षित किये गये है जिसके सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हेतु 76 पद आरक्षित कर 51 फीसदी भागीदारी दी है एवं अन्य पिछड़ा वर्ग पुरूष हेतु 71 पद आरक्षित है। जोकि 48 फीसदी होता है.


उत्तर प्रदेश नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए 199 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 53 सीटे आरक्षित की गयी है जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग महिलाओं को आरक्षण नियमावली के विपरीत 23 पद आरक्षित कर 56 फीसदी भागीदारी दी गयी जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होना चाहिए


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