UP Nagar Nikay Chunav 2022 : यूपी नगर निकाय चुनाव 2022 में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) से जुड़े सवाल पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ (High Court) के समक्ष सुनवाई हुई. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोर्ट के समक्ष कहा कि उसे हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए. राज्य सरकार ने जवाब देने के लिए एक दिन समय और मांगा है. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अधिसूचना पर रोक जारी रखी है. 


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याचिका में कहा गया है कि ओबीसी कोटे का आरक्षण तय करने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ट्रिपल टेस्ट फार्मूले (Triple Test Formula) का अनुपालन नहीं किया  गया. याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल सुरेश महाजन के मामले में दिए निर्णय में स्पष्ट तौर पर आदेश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण जारी करने से पहले ट्रिपल टेस्ट किया जाएगा. अगर ट्रिपल टेस्ट की औपचारिकता नहीं की जा सकी है तो एससी व एसटी सीटों के अलावा बाकी सभी सीटों को सामान्य सीट घोषित करते हुए चुनाव कराए जाएंगे.


विशेषज्ञों का कहना है कि कोर्ट ने राज्य सरकार को एफिडेविट के तौर पर 14 दिसंबर को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. अगर कोर्ट इस याचिका को खारिज कर देता है तो कल ही चुनाव आयोग अधिसूचना जारी करने का अधिकार प्राप्त कर लेगा. ऐसे में कल ही फैसला आ गया तो 15 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर चुनाव की तारीखों का ऐलान निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश की ओर से किया जा सकता है.


याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद योगी आदित्यनाथ सरकार ने बिना ट्रिपल टेस्ट के 5 दिसंबर 2022 को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया. इसमें ओबीसी यानी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को भी शामिल किया गया.  कहा जा रहा है कि ट्रिपल टेस्ट की औपचारिकता नहीं की जा सकी तो एससी - एसटी सीटों के अलावा बाकी सभी सीटों को सामान्य सीट घोषित करते हुए चुनाव कराए जाएंगे. 


उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा पर रोक 14 दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी. इस मामले पर सोमवार को पहली सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ (lucknow bench)  ने निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश को नगर निगम, नगरपालिका चुनाव (Nagar Niham Chunav) की अधिसूचना जारी पर 13 तक का स्थगनादेश दिया था.इसे आज आगे और बढ़ा दिया गया. दरअसल, निकाय चुनाव (Nagarpalika Chunav) में ओबीसी आरक्षण देने के मुद्दे पर जनहित याचिका दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट ने इस पर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. ओबीसी रिजर्वेशन से संबंधित पूरा ब्योरा हाई कोर्ट में आज प्रस्तुत करना था, लेकिन सरकार ने एक दिन का वक्त और मांगा है.  तब तक कोई भी अधिसूचना जारी नही होगी. वैभव पांडेय ने ये जनहित याचिका दाखिल की गई है.


हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है. माना जा रहा था कि नगर निकाय चुनाव की घोषणा एक दो दिन में होने वाली है, क्योंकि वार्डों और नगर निकायों के प्रमुखों के पद पर अनंतिम आरक्षण की सूची जारी की जा चुकी है. इस पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक हफ्ते की समयसीमा भी खत्म हो चुकीहै. 


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