यूपी नगर निकाय चुनाव आरक्षण पर योगी सरकार की मुहर जल्द, OBC आयोग ने तैयार की रिपोर्ट
UP Nagar Nikay Chunav 2023 : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी फिर बढ़ने लगी है. नगर निगम, नगरपालिका आरक्षण पर OBC आयोग ने रिपोर्ट कर ली है. योगी सरकार की मुहर जल्द लग सकती है.
UP Nagar Nokay Chunav 2023 : यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए मेयर और नगरपालिका अध्यक्ष की सीटों पर नए सिरे से OBC आरक्षण लागू कराया जाएगा. इसके लिए योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार नगर निगम, पालिका परिषद अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है. जल्द ही यूपी कैबिनेट से इसको लेकर प्रस्ताव पास कराने की तैयारी हो रही है. यूपी मंत्रिमंडल से ये प्रस्ताव पारित होने से सीटों पर आरक्षण पूरी तरह बदल जाएगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा ओबीसी आयोग (OBC Commission) गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण तय करने के निर्देश के बाद ये कवायद हो रही है. ट्रिपल टेस्ट फार्मूले की पहली शर्त को पूरा करते हुए सरकार ने पिछड़ा वर्ग पांच सदस्यीय आयोग गठित किया था.
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मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
जानकारी के अनुसार, ओबीसी आयोग ने आरक्षण को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. ये रिपोर्ट जल्द ही मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी. इसी रिपोर्ट के आधार पर पिछड़ों की निकायों में आरक्षण में हिस्सेदारी तय की जाएगी. हालांकि समाजवादी पार्टी ने रिपोर्ट आने के पहले ही ओबीसी आरक्षण सर्वे पर सवाल उठा दिए हैं.
ओबीसी आरक्षण पर सपा के सवाल
सपा नेता राजपाल कश्यप ने कहा, योगी सरकार में ओबीसी रिजर्वेशन का ये सर्वे मनमाने तरीके से कराया जा रहा है. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव पहले जनवरी में ही कराया जाना था. इसको लेकर नगर विकास विभाग ने अनंतिम आरक्षण की सूची जारी कर दी थी. हालांकि इसके खिलाफ कई पक्ष हाईकोर्ट पहुंच गए. हाईकोर्ट ने रैपिड टेस्ट के आधार पर आरक्षण को सही न मानते हुए ट्रिपल टेस्ट कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया.
नगर निगम नगरपालिका का कार्यकाल खत्म
हालांकि इस बीच लखनऊ नगर निगम, कानपुर नगर निगम समेत तमामनगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया. 2023 में होने वाले नगर निकाय चुनाव में 17 नगर निगम, 200 नगरपालिका परिषद और 517 नगर पंचायत में चुनाव कराया जाना है. जबकि वर्ष 2017 में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायत में चुनाव हुआ था. ऐसे में म्यूनिसिपल इलेक्शन को लेकर सरगर्मी फिर बढ़ती नजर आ रही है. हालांकि सपा के रुख से ऐसी आशंका भी है कि कहीं आरक्षण सूची जारी होने के बाद ये मामला दोबारा अदालती चौखट पर न पहुंच जाए.
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