UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव 2023 को लेकर प्रदेश में सियासी दल धुआंधार प्रचार में जुटे हुए हैं. दो चरण में होने वाले चुनाव के लिए 4 मई को पहले चरण का मतदान हो चुका है. 11 मई को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे जबकि 13 मई को नतीजों की घोषणा की जाएगी. चुनाव में ताल ठोक रहे नेता प्रचार में जमकर खर्चा कर रहे हैं लेकिन इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश जानना जरूरी है वरना जमानत जब्त होने के साथ ही चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है. 


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3 महीने में देना होगा खर्च का ब्योरा
यूपी निकाय चुनाव के सियासी समर में चुनावी ताल ठोक रहे प्रत्याशियों को 3 महीने के भीतर चुनाव में होने वाले खर्च का ब्योरा देना होगा. ऐसा नहीं करने पर उम्मीदवारों की जमानत राशि को जब्त कर लिया जाएगा. साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा उम्मीदवार के आगे चुनाव लड़ने पर भी रोक लगाई जा सकती है. राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव में होने वाले खर्च पर निगरानी रखने के लिए टीमों का भी गठन किया है. 


कितना खर्च कर सकते हैं प्रत्याशी
निकाय चुनाव में खर्च की निर्धारित सीमा अलग-अलग है. महापौर के लिए उम्मीदवार 40 लाख रुपये (अगर वार्ड की संख्या 80 से ज्यादा है वरना 35 लाख) खर्च कर सकते हैं. पार्षद प्रत्याशी 3 लाख रुपये, नगर पालिका अध्यक्ष के लिए 9 लाख रुपये, नगर पालिका सदस्य के लिए दो लाख रुपये, नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 2.5 लाख रुपये, नगर पंचायत सदस्य के लिए 50 हजार रुपये खर्च की सीमा रखी गई है. 


कितनी है जमानत राशि 
महापौर जनरल के लिए 12 हजार अन्य के लिए 6 हजार रुपये, पार्षद के लिए 1250 रुपये, नगर पालिका अध्यक्ष ( सामान्य) के लिए 8 हजार रुपये, अन्य के लिए 4 हजार रुपये, नगर पालिका सदस्य के लिए  2 हजार रुपये, अन्य के लिए 1 हजार रुपये, नगर पंचायत अध्यक्ष (सामान्य) के लिए 5 हजार रुपये, अन्य श्रेणियों के लिए 2500 रुपये, सदस्य (सामान्य) के लिए 2 हजार रुपये, अन्य के लिए 1 हजार रुपये.