UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव के पहले चरण में हुए मतदान में मतदाताओं का उत्साह कम देखने को मिला. 37 जिलों की बात की जाए तो मतदान के दिन शाम 6 बजे तक 50 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा ही वोटिंग हुई थी. कम वोटिंग होने से सभी पार्टियों की बेचैनी बढ़ गई है. 


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नगर निगम चुनाव के पहले चरण में कम मतदान से 1-1 वोट की अहमियत बढ़ गई है. सभी पार्टियों को उम्मीद है कि दूसरे चरण में लोग मतदान करने में उत्साह दिखाएंगे. लेकिन इस बीच शहरी इलाकों में नाराज वोटरों में नोटा दबाने की मुहिम से प्रत्याशियों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गई हैं. मेयर उम्मीदवार हों या नगर निगम पार्षद सभी मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि वो नोटा का गुलाबी बटन ना दबाएं. बल्कि उन्हें वोट दें ताकि उनकी जीत सुनिश्चित हो सके. 


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प्रत्याशियों का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि हम किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे. किसी ने भी आज तक यहां का विकास नहीं किया है. यह घटना यूपी के गाजियाबाद जनपद से सामने आई. गाजियाबाद की क्रॉसिंग रिपब्लिक टाउनशिप की 29 सोसाइटी में नगर निगम प्रत्याशियों का विरोध किया गया. इस सोसाइटी में नगर निकाय चुनाव में नोटा (NOTA) का गुलाबी बटन दबाने के पोस्टर लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन बार निगम के चुनाव हो चुके हैं मगर हमारे मुद्दे आज भी वही हैं. ऐसे में इस सोसाइटी के 4 हजार लोगों ने किसी भी प्रत्याशी को वोट ना देने का निर्णय किया है. 


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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम के मतदान इलेक्ट्रिक वोटिंग मशीन (EVM) से करवाए जाएंगे. मशीन में तो नोटा का बटन दिया गया है. मगर यूपी की 200 नगर पालिका और 546 नगर पंचायतों में पोस्टल बैलेट पेपर से मतदान होगा. यहां के मतदाताओं को नोटा का विकल्प नहीं दिया गया है.