अजीत सिंह/लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी इस बार होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में अपनी रणनीति बदलने जा रही है. पार्टी की नजर ऐसे 1200 वार्डों पर है, जो मुस्लिम बाहुल्य इलाके हैं. उत्तर प्रदेश में लगभग 60 नगर पंचायत और नगरपालिका की सीटें हैं, जो मुस्लिम बाहुल्य हैं. जहां बीजेपीअल्पसंख्यक मोर्चा के प्रत्याशियों को उतारने की तैयारी कर रही है. बीजेपी निकाय चुनाव के बहाने 2024 में जीत का मास्टर प्लान तैयार कर रही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या है बीजेपी का 2024 से पहले निकाय चुनाव की जीत वाला प्लान
भारतीय जनता पार्टी इस बार निकाय चुनाव के बहाने बीजेपी मिशन 2024 को भी साध रही है. यूपी में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी इस बार अपनी रणनीति बदलने जा रही है. पार्टी मुस्लिम बहुल इलाकों में कमल खिलाने के लिए बड़ा प्लान तैयार कर रही है. लंबे समय के बाद बीजेपी ऐसे नगर पंचायतों में भी अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारने जा रही है,जहां अल्पसंख्यक यानी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की संख्या ज्यादा है.


कहा जा रहा है यह तैयारी सिर्फ निकाय चुनाव की नहीं बल्कि 2024 को लेकर प्रदेश भर में अल्पसंख्यक मोर्चा बैठकों का सिलसिला शुरू करना है. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर अभी तक बीजेपी ने यूपी में अल्पसंख्यक समाज से उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है. लेकिन नई रणनीति के तहत यूपी की स्थानीय निकाय चुनाव में जीत के साथ 2024 में सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने की तैयारी में है. 


आरक्षण के हिसाब मतदाता सूचियों में नाम बढ़ाने में भी जुटी बीजेपी
कोई भी चुनाव जब आता है तो बीजेपी सदस्यता अभियान के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं का वोट मतदाता सूची में जोड़ने से लेकर बीएलओ तक पूरी कागजी कार्रवाई पूरी कराने पर ध्यान देती है. इस बार भी नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी बीजेपी अभियान चलाकर वोटरों का वोट बढ़ा रही है, जो बीजेपी के सदस्य हैं या फिर समर्थक.


बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी कहा था कि पार्टी की ओर से लगातार वार्ड और नगर पंचायत सब जगह अपने प्रत्याशी उतारने के संकेत दे दिए हैं. यह भी कहा है कि बीजेपी सरकार में योजनाओं में सबसे ज्यादा लाभार्थी अल्पसंख्यक समाज के हैं और यही बात अल्पसंख्यक मोर्चा भी पूरे प्रदेश में कहकर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटा है.