नैनीताल: श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में NIT के स्थाई कैंपस निर्माण का सपना देख रहे लोगों और राज्य सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने सुमाड़ी में बनने वाले NIT कैंपस प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए 4 महीने के भीतर NIT के अस्थाई कैंपस के निर्माण को लेकर फैसला लें.


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सोमवार को कोर्ट ने सरकार से कहा कि निर्देशों के अनुसार ही  NIT कैंपस का निर्माण किया जाए. साथ ही कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तराखंड में एनआईटी कैंपस का निर्माण छात्रों के विकास के लिए नहीं बल्कि सरकार के विकास के लिए कराया जा रहा है, लिहाजा सुमाड़ी में एनआईटी के कैंपस के निर्माण प्रक्रिया को निरस्त किया जाता है. कोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि किसी भी कॉलेज या कैंपस का निर्माण सरकार की सुविधा के लिए नहीं होगा बल्कि छात्रों की सुविधा के अनुसार किया जाएगा.
 
नैनीताल हाईकोर्ट ने 25 लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा है कि राशि को स्थाई कैंपस की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान घायल हुई छात्रा को दिया जाए. साथ ही छात्रा के मेडिकल बिल भी माफ किए जाएं.


बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कॉलेज को बने करीब 9 साल से अधिक का समय हो गया है लेकिन आज तक छात्रों को एनआईटी का स्थाई कैंपस नहीं मिला है, जिस वजह से छात्र अपनी जान हथेली पर रखकर खंडहर पड़े भवनों में पढ़ने को मजबूर हैं जहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.


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