संदीप गुसाईं/नैनीताल: अल्मोड़ा जिले के नैनीसार जमीन आबंटन मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने जवाब ना दाखिल करने को लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार पर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते की मोहलत देते हुए साफ कहा कि अगर समय पर जबाब नहीं दिया गया तो, सचिव राजस्व को सारे दस्तावेज लेकर 9 जनवरी को पेश होना होगा.


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दरअसल, अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह और पीसी तिवाड़ी ने नवंबर 2015 में जनहित याचिका दाखिल की थी. जिसमें पूर्व की कांग्रेस सरकार के जरिए एक स्कूल को अवैध तरीके से जमीन देने की बात कही गई थी.याचिका में कहा गया था कि नैनीसार में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के द्वारा हरियाणा के औद्यौगिक समूह हिमांशु एजुकेशन सोसाइटी को 353 एकड़ भूमि आवंटित की गई. इस याचिका के साथ पूर्व की कांग्रेस सरकार के आदेश को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में चुनौती दी गई थी. साथ ही आवंटन को रद्द करने की मांग की गई. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से एक हफ्त में जवाब मांगा है.


इस मामले पर प्रदेश में गरमाई थी राजनीति
आपको बता दें कि नैनीसार भूमि प्रकरण को लेकर पूर्व की हरीश रावत सरकार का बीजेपी के साथ-साथ यूकेडी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी समेत स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. तत्कालीन हरीश रावत सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश में जमकर राजनीति भी हुई थी. आरोप लगाए गए थे कि ग्राम समाज की जमीन औने पौने दाम में लीज पर आवंटित की गई.