Chamoli News/पुष्कर चौधरी: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित गोपेश्वर में रहने वाले नीरज भट ने Btech और MBA की पढ़ाई की है. आपको बता दें नीरज ने अपनी लाखों की नौकरी को छोड़कर अपने घर में केसर की खेती करना शुरू किया है.


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कौन है नीरज भट?
उत्तराखंड के चमोली जिले में रहने वाले युवा यानि की नीराज भट ने Btech और MBA की पढाई करने के बाद उन्होंने  दिल्ली, बेंगलोर सहित कई शहरों की बड़ी-बड़ी कंपनियों में बड़े पैकेज पर नौकरी की थीं. लेकिन नीरज को यह रास नहीं आया और स्वरोजगार के तहत उन्होंने खेती करने का फैसला लिया।


कहाँ से मिली खेती करने की प्रेरणा?
दो साल पहले दिल्ली में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ने वाले चमोली गांव के नीरज भट्ट बताते हैं कि वह यूट्यूब पर कई नई चीजें सर्च करते थे. ईसिस दौरान यूट्यूब पर केसर से संबंधित वीडियो देखी और उन्हें यह काफी पसंद आया। इसके बारे में अधिक जानने के लिए उन्होंने और भी कई वीडियो यूट्यूब पर देखी। इन्हीं वीडियो से प्रेरित होके उन्होंने केसर उत्पादन करने का मन बना लिया, जिसके लिए उन्होंने चंडीगढ़ जाकर केसर का उत्पादन करने का प्रशिक्षण लिया।


कैसे शुरू की खेती?
दो साल पहले नौकरी छोड़ने के बाद नीरज ने अपना ध्यान पूरी ओर खेती की तरफ केंद्रित कर दिया था. ट्रेनिंग लेने के बाद नीरज भट्ट ने कश्मीर जाकर केसर का बीज खरीदा और गोपेश्वर में केसर के उत्पादन के लिए एक कोल्ड स्टोरेज कमरा बनवाया जिसके अंदर केसर उत्पादन के लिए पर्याप्त क्लाइमेट तैयार किया. अब नीरज भट्ट के इस कोल्ड स्टोरेज कमरे में कश्मीर के केसर का उत्पादन होना शुरू हो गया है और इस कामयाबी से नीरज भट्ट काफी खुश हैं।


नीरज ने बताये केसर की खेती के फायदे
चमोली जिले में रहने वाले नीरज भट बताते हैं, कि शुरुआत में इसमें काफी खर्चा आता है, लेकिन उत्पादन के बाद अगर सही रहा तो एक किलोग्राम केशर की कीमत पांच लाख रुपये से अधिक है। नीरज भट्ट की इस पहल से न केवल उन्हें रोजगार मिला है, बल्कि इससे अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिल सकती है।


किन-किन चीज़ो की खेती कर रहे हैं नीरज?
दो साल पहले दिल्ली में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़ के नीरज भट्ट ने खेती को स्वरोजगार का जरिया बनाया और आज वह तीन तरह की खेती कर रहे हैं। कीवी फल और लिलियम फूल की खेती में बेहतर कमाई करने के बाद नीरज ने केसर की खेती शुरू की है।