Mysterious Place of Uttarakhand: रहस्यों से भरी है उत्तराखंड की ये जगह, यहां का जल बन गया था घी!
Neem Karoli Baba Ashram: देवभूमि उत्तराखंड रहस्यों से भरा है. नैनीताल के बाबा करौरी बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं. ये जगह भी रहस्यों से भरी हुई है.
उत्तराखंड में पावन धाम
भारत में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. ऐसा ही एक पावन तीर्थ देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में है, जिसे लोग "कैंची धाम" के नाम से जानते हैं.
कैंची धाम चमत्कार और रहस्यों से भरा
कैंची धाम चमत्कार और रहस्यों से भरा है. कैंची धाम" के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) के नाम से मशहूर है. बाबा के भक्तों का मानना है कि बाबा हनुमान जी के अवतार थे.
कैंची धाम को लेकर मान्यता
कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ नहीं लौटता. यहां मांगी गई मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यहां आने वाले लोगों को सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है.
कभी खत्म नहीं होता भंडार
कैंची धाम में भंडारे के दौरान भोजन की कमी नहीं होती. ऐसा कहा जाता है कि बाबा नीम करौली खुद इस भंडारे की देखरेख करते हैं.
चमत्कारिक सिद्धियां
कैंची धाम में चमत्कारिक सिद्धियों के ज़रिए लोगों की परेशानियां दूर होती हैं. यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं.
ये चमत्कार भी जुड़ा
बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं. किवदंतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी. । बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया. जब उस जल को प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया तब वह घी में बदल गया.
बादल की छतरी
बाबा नीम करौली के चमत्कारों की कहानियों में एक और कहानी काफी सुनाई जाती है. कहा जाता है कि बाबा का एक भक्त गर्मी के कारण तप रहा था. उसे तेज बुखार हो गया था. बाबा नीम करौली ने उस भक्त को तपती धूप से बचाने के लिए बादलों की छतरी बनाकर उसे वहां तक पहुंचाया, जहां उसको जाना था.
क्यों कहते हैं कैंची धाम
कैंची धाम आश्रम की ओर जाने वाली सड़क पर दो तीखे मोड़ हैं, इसलिए इसका नाम कैंची धाम पड़ा. कैंची धाम में हर साल 15 जून को प्रतिष्ठा दिवस मनाया जाता है.
बाबा नीम करौली का जन्म फिरोजाबाद में हुआ
बाबा नीम करौली का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद ज़िले के अकबरपुर गांव में हुआ था. बाबा नीम करौली हनुमान जी को अपना आराध्य मानते थे. कैंची धाम में हनुमान जी की मूर्ति है. बाबा नीम करौली ने अपने जीवनकाल में हनुमान जी के 108 मंदिर बनवाए थे. बाबा नीम करौली ने 10 सितंबर, 1973 को महासमाधि ली थी
डिस्क्लेमर
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