Naya Gorakhpur:  नया गोरखपुर परियोजना के मद्देनजर जमीन के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (Gorakhpur Development Authority), एक बार फिर से किसानों (Farmers) से संवाद शुरू करने जा रहा है. नया गोरखपुर शहर में अब 4 और गांवों को शामिल किया गया है.  इस योजना में पहले ही 60 गांवों की जमीनों को आरक्षित किया जा चुका है. अब इन गांवों की जमीन को शामिल कर नया Gorakhpur का क्षेत्र विस्तार किया जाएगा. जीडीए (GDA) की ओर से विस्तार के लिए 24 गांवों को चिह्नित किया गया है.  बता दें कि शासन की तरफ से  जमीन खरीदने के लिए पहले किस्त की धनराशि भेज दी गई है. नया गोरखपुर को लेकर चिह्नित 24 गांवों के किसानों के साथ जीडीए व राजस्व विभाग की टीम दो चरण की बात कर चुकी है.


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पहली किस्त की धनराशि भेजी गई
इसके लिए लगभग 6,000 एकड़ अधिग्रहण की जानी है.  जमीन खरीदने के लिए शासन की ओर से पहली किस्त की धनराशि भेजी गई.  शनिवार को जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने सचिव उदय प्रताप सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ कुसम्ही क्षेत्र के 4 गांवों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने गांवों की जमीन देखी.  ले-आउट का अवलोकन किया.  जीडीए उपाध्यक्ष ने निरीक्षण करने के बाद अभियंताओं को रिपोर्ट तैयार करने को कहा. स्थलीय निरीक्षण के दौरान अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार, तहसीलदार रामभोज, ओम प्रकाश आदि रहे.


 24 गांव चिह्नित 
गोरखपुर विकास प्राधिकरण  (GDA) की ओर से नया गोरखपुर के विस्तार के लिए 24 गांवों को चिह्नित किया गया है. इनमें से 12 गांव प्रस्तावित जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के आसपास हैं. अन्य 12 गांव कुशीनगर रोड पर कुसम्ही के पास हैं.  उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन  ने तकिया मैदनीपुर, माड़ापार, कोनी व रुद्रापुर गांवों का निरीक्षण किया.  जीडीए की टीम देखेगी  कि इन गांवों में बड़े चक उपलब्ध हैं या नहीं. गोरखपुर बसाने के लिए ऐसे चक की तलाश की जा रही है, जो एक साथ हों और उनका बड़ा क्षेत्रफल हो. 


नए गोरखपुर के लिए जमीन लेने की तैयारी
जीडीए की ओर से पहले से तैयार योजना के मुताबिक गांव की आबादी से 100 मीटर की परिधि छोड़कर नए गोरखपुर के लिए जमीन लेने की तैयारी है. गांवों की आबादी से दूरी को लेकर दोबारा मंथन करने के लिए निर्देशित किया गया है.


किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रण 
इस संबंध में कुछ किसानों से बात भी की गई है. किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित भी किया जाएगा.  चर्चा के बाद तय होगा कि जमीन की खरीदी होगी या अनिवार्य अर्जन किया जाएगा. इस दौरान इस क्षेत्र में बैनामा प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. एक गांव छोड़कर सभी ने वर्तमान कीमत पर जमीन देने से मना कर दिया है.  इसके बाद जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने जमीन की दर तय करने के लिए समिति बनाई है. रिंग रोड बाईपास के किसानों की तरफ से आर्बिट्रेशन दाखिल किया गया है. ऐसी  उम्मीद है कि आर्बिट्रेशन दाखिल करने वाले किसानों को कुछ अधिक दर मिल सकती है.


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