उत्तराखंड में भी है `लद्दाख`, हैरान न हों , बस यहां घूमने चले आएं
Nelang Valley: नेलांग घाटी का इतिहास भारत चीन युद्ध से भी जुड़ा हुआ है.चूंकि यह जगह भारत चीन सीमा से नजदीक है तो चीन भी यहां अपना दावा ठोकता है. लंबे वक्त यहां सिर्फ सुरक्षाबलों का आवाजाही थी लेकिन अब इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया गया है.
Nelang Valley: देवभूमि उत्तराखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए न सिर्फ भारत बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है. उत्तराखंड को मानो प्रकृति ने बेशुमार खूबसूरती का तोहफा दिया है. जिस चलते बड़ी संख्या में सैलानी हर साल यहां पहुंचते हैं और अपने साथ ढेर सारी यादें लेकर लौटते हैं. बात उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों की हो रही हो और नेलांग घाटी का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता. नेलांग घाटी को उत्तराखंड का लद्दाख कहा जाता है. यहां प्रकृति अपने विशिष्ट रूप में आपको देखने को मिलेगी.
चीन सीमा के निकट
यह एक ठंडे मरुस्थल की तरह है. नेलांग घाटी का इतिहास भारत चीन युद्ध से भी जुड़ा हुआ है.चूंकि यह जगह भारत चीन सीमा से नजदीक है तो चीन भी यहां अपना दावा ठोकता है. लंबे वक्त यहां सिर्फ सुरक्षाबलों का आवाजाही थी लेकिन अब इसे आम जनता के लिए भी खोल दिया गया है.सरकार ने जब से यहां आवाजाही को हरी झंडी दी है. तब से बड़ी संख्या में यहां पर्यटक पहुंचते हैं.
अगर आप उत्तराखंड में लद्दाख या लाहौल स्पीति का एहसास करना चाहते हैं तो यह जगह बिल्कुल आपको भाएगी. यहां की ऊंची ऊंची पहाड़ियों पर खूबसूरती बिखरी हुई है. नेलांग घाटी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है.यहां बहने वाली जढ गंगा भागीरथी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है. जढ गंगा के नाम से एक जढ गंगा घाटी भी यहां स्थित है. भैरव घाट पर जढ गंगा भागीरथी से मिलती है.
प्रशासन की अनुमति लेना जरूरी
यहां यह बता देना जरूरी है कि चूंकि यह चीन सीमा के निकट है इसलिए यहां प्रशासन की इजाजत लेना बहुत जरूरी है. यहां हर जगह की अनुमति नहीं है. यहां रात को ठहरना मना है और विदेशी पर्यटकों को आने की अभी इजाजत नहीं है. एक और बात यह कि यहां एक दिन में सिर्फ 6 वाहन ही जा सकते हैं. अगर आप नेलांग घाटी घूमना चाहते हैं तो आपको पहले उत्तरकाशी पहुंचना होगा. प्रशासन की इजाजत के बाद आप यहां यात्रा कर सकते हैं.