प्रभात अवस्थी/कानपुर: आंखें शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिनकी मदद से हम दुनिया देखते हैं. आंख की एक परत में अब तक दवाई पहुंचाना मुमकिन नहीं था, इस बीमारी की वजह से लोगों का पूरा जीवन अंधकार में गुजरता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में ऐसी निडिल तैयार की गई है जो आंखों की हर परत में दवा पहुंचाएगी और इससे रतौंधी जैसी बीमारी भी दूर हो जायेगी. यह अपने आप में देश में पहली ऐसी आंखों की निडिल बताई जा रही है.


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GSVM मेडिकल कॉलेज ने तैयार की डिवाइस
रतौंधी के मरीजों के लिए कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर परवेज खान ने काफी शोध के बाद एक ऐसी डिवाइस को बनाया है, जिसके द्वारा दवा को आंखों की हर परत तक पहुंचाया जा सकेगा. इस सुपर ख्योराइडल निडिल के तैयार होने के बाद भारत सरकार ने डॉ. परवेज खान को पेटेंट प्रमाण पत्र दिया है.


डॉक्टर परवेज खान का कहना है कि इसी महीने दिल्ली में एक कॉन्फ्रेंस होगी. जिसमें देश-विदेश के डॉक्टर शामिल होंगे. जिसमें उन्हें इस निडिल से संबंधित प्रेजेंटेशन करने का मौका मिलेगा. इस निडिल का प्रयोग कैसे करना है, उनके द्वारा ही बताया जाएगा. इसे पूरे देश में प्रयोग में लाने का प्रयास किया जाएगा.


2018 में ही बनकर हो चुकी है तैयार
वहीं भारत सरकार से इसे पेटेंट किए जाने के बाद वो इस पर काफी खुश हैं कि उनकी मेहनत सफल हुई. उनका कहना है कि इससे पूरे भारत को लाभ होगा. साल 2018 में ही इसे बनाकर तैयार कर लिया था, जिसके बाद इसका प्रयोग करीब पांच हजार लोगों पर कर चुके हैं. इसके जो परिणाम सामने आए हैं, उसके आधार पर अब इसे पूरे देश में प्रयोग में लाने का प्रयास किया जा रहा है. 


रतौंधी जैसी बीमारियों के इलाज में आएगी काम
उन्होंने बताया कि अभी तक रतौंधी जैसी बीमारियों का इलाज इसलिए नहीं हो पा रहा था. क्योंकि रेटिना की जिस परत तक दवा को पहुंचना चाहिए वहां तक दवा नहीं पहुंच पाती थी. लेकिन अब इस निडिल के जरिए जहां दवा की जरूरत है. वहां तक पहुंचाया जा सकता है. डॉ.परवेज ने बताया इस डिवाइस में 1800 माइक्रोन की एक निडिल लगी हुई है. जो कि आंखों की हर परत तक दवा पहुंचा रही है. खास बात है कि इसमें लगी निडिल को जिस परत तक पहुंचना है. वो वहीं तक पहुंचेगी अन्य किसी परत को कोई नुकसान भी नहीं करेगी.