Air Pollution in UP: उत्‍तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में इन दिनों हवा जहरीली हो गई है. GRAP- 4 के तहत सख्ती लागू कर दी गई है. एनसीआर में 12वीं तक के स्कूल बंद हो चुके हैं. इन सभी जिलों में ऑनलाइन क्लासेज का आदेश दिया गया है. नोएडा, मेरठ और हापुड़ में स्कूल बंद रहेंगे. नोएडा में 23 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे. वहीं मेरठ और हापुड़ में अगले आदेश तक स्कूल बंद रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट परिसर में मास्क पहनने की सलाह दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से निगरानी कमेटी बनाने को कहा है. सीएक्यूएम के ग्रैप 4 नियम लागू करने के बाद दिल्ली में 10वीं और 12वीं को छोड़कर सारे स्कूल बंद कर ऑनलाइन मोड में चलाने का नियम लागू हो गया था. ऐसे में अब वर्क फ्रॉम होम की मांग भी होने लगी है. हालात को देखते हुए बहुत जल्द ऑड ईवन रूल भी लागू किए जा सकते हैं.


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कहां की हवा सबसे खराब?
गाजियाबाद और नोएडा की हवा जहरीली हो गई है. साफ शब्‍दों में कहें तो यह कि इन दोनों शहरों में वायु प्रदूषण गुणवत्‍ता सूचकांक खतरनाक स्‍तर पर पहुंच है. गाजियाबाद में मंगलवार यानी 19 नवंबर को AQI 500 पार कर गया. यहां एक्‍यूआई 506 दर्ज किया गया. वहीं, नोएडा में AQI 356 दर्ज किया गया. बुलंदशहर में AQI 435 पहुंच गया. हापुड़ में AQI 330 दर्ज किया गया है. मेरठ में वायु प्रदूष गुणवत्‍ता 251 दर्ज किया गया. आगरा में भी हवा जहरीली हो गई है. आगरा में एक्‍यूआई 293 दर्ज किया गया. 


कौन-सा शहर कितना प्रदूषित?
शहर                                 AQI स्‍तर 

गाजियाबाद                            506
बुलंदशहर                              435
नोएडा                                   356
मेरठ                                     251
लखनऊ                                291
आगरा                                  293
मुजफ्फरनगर                        203
सहारनपुर                             215
हापुड़                                   330
अलीगढ़                               259
इटावा                                  273
बांदा                                    210
फैजाबाद                              133
फतेहपुर                               197
गोरखपुर                               174
वृंदावन                                 170
मुरादाबाद                             87
रामपुर                                  77
बहराइच                              119
शाहजहांपुर                           85
बदायूं                                   85
बरेली                                   85
प्रयागराज                             96
वाराणसी                              125


कितना एक्‍यूआई स्‍तर ठीक?
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी शहर का वायु प्रदूषण गुणवत्‍ता (AQI) 0 से 50 के बीच है तो उस शहर की हवा ठीक है. वहीं, अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 51 से 100 के बीच है तो मध्‍यम है. इसके अलावा अगर एक्‍यूआई का स्‍तर 101 से 200 पहुंच जाए तो यह खराब है. एक्‍यूआई स्‍तर 201 से 300 पहुंचने पर यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरनाक हो सकता है. 301 से 400 पहुंचने पर गंभीर हो सकता है. वहीं, 401 से 500 पहुंचने पर खतरनाक हो सकता है. 


GRAP चरण 4 में इन पर रहेगा प्रतिबंध 
1. डीजल से चलने वाले मध्यम और भारी माल वाहन (BS-IV या उससे कम श्रेणी के) प्रतिबंधित हैं, सिवाय उन वाहनों के जो आवश्यक सामान ले जा रहे हैं. ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर भी पाबंदी रहेंगी. डीजल जनरेटर भी नहीं चलाए जा सकेंगे. गैर आवश्यक हल्के कमर्शियल वाहनों पर प्रतिबंध है, जब तक कि वे CNG, BS-VI डीजल जैसे स्वच्छ ईंधन का उपयोग न करें या इलेक्ट्रिक वाहन न हों.
2. आवश्यक सेवाओं जैसे मेट्रो, रेलवे आदि को छोड़कर अन्य सभी जगह निर्माण कार्य पर रोक रहेगी, सड़कों पर पानी का छिड़काव करने का निर्देश है. 
3. गैर आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को प्रवेश करने से रोक दिया गया है, जब तक कि वे LNG, CNG या BS-VI डीजल पर न चलाई जाएं. ऐसे भारी वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक रहेगी. 
4. CAQM पैनल ने कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 को ऑनलाइन मोड में लिए जाने की सिफारिश की है. कक्षा पांच तक के स्कूल तमाम जगहों पर पहले ही बंद कर दिए गए हैं. नोएडा, गाजियाबाद और अन्य जिलों के डीएम स्थानीय स्तर पर फैसला ले सकते हैं. ऐसे में कक्षा 10 और 12 को छोड़कर बाकी क्लासेज ऑनलाइन की जा सकती हैं. 
5. एनसीआर में ऑफिस को 50 प्रतिशत स्टाफ पर काम करने की सलाह दी गई है. यानी इन ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है. प्राइवेट ऑफिस में WFH लागू किया जा सकता है. 


दरअसल, GRAP के चार चरण होते हैं: चरण I - 'खराब' (AQI 201-300); चरण II - 'बहुत खराब' (AQI 301-400); चरण III - 'गंभीर' (AQI 401-450); और चरण IV - 'गंभीर प्लस' (AQI 450 से ऊपर).


क्या है ऑड-ईवन योजना?
दरअसल, सम अंकों (0, 2, 4, 6, 8) पर समाप्त होने वाली रजिस्ट्रेशन संख्या वाली गाड़ियों को सम तिथियों पर सड़कों पर चलने की इजाजत होती है, जबकि विषम अंकों (1, 3, 5, 7, 9) पर समाप्त होने वाली पंजीकरण संख्याओं को विषम तिथियों पर सड़कों पर चलने की अनुमति होती है. यह योजना सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक संचालित होती है, इस वैकल्पिक पैटर्न के आधार पर गाड़ियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करती है.


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