ओम प्रकाश राजभर की मां का निधन, गाजीपुर में होगा अंतिम संस्कार
यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर की मां का निधन हो गया. सुभासपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह जानकारी दी है.
OP Rajbhar's mother passes away : यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर की मां का निधन हो गया. सुभासपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह जानकारी दी है. ओपी राजभर ने लिखा, "मेरी माँ अब इस दुनिया में नहीं रहीं". कई दिनों से उनकी मां का इलाज अस्पताल में चल रहा था. उनकी मां का अंतिम संस्कार गाजीपुर स्थित पैतृक गांव में होगा.
85 साल की उम्र हुआ निधन
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की मां का नाम जितना देवी था. 85 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ओपी राजभर की मां फेफड़े की बीमारी से ग्रसित थीं. गाजीपुर स्थित पैतृक गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले लखनऊ के एक अस्पताल पर अपनी मां के इलाज को लेकर यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने गंभीर आरोप लगाए थे.
ओपी राजभर ने अस्पताल में लगाए थे गंभीर आरोप
ओपी राजभर ने बताया था कि उनकी मां को सांस की समस्या हुई, उस समय मैं बिहार में था. बेटे अरविंद और अरुण ने मां को अस्पताल में भर्ती कराया था. इस दौरान ओपी राजभर ने आरोप लगाए थे कि अस्पातल प्रबंधन ने 4 दिन में 4 लाख रुपये ले लिए, लेकिन उनको होश तक नहीं आया. एबुलेंस में होश में थी बात करते आई, वहां बेहोश रही, चार दिन में कोई सुधार नहीं हुआ. हमारे जैसे लोगों को लूट रहे हैं तो गरीब को भी लूट रहे हैं. ओपी राजभर के इन आरोपों के बाद यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया था.
सीएम ने जताया शोक
ओपी राजभर की मां की निधन की सूचना मिलने पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक जताते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है. बता दें कि जितना देवी के परिवार में पति सन्नु राजभर के अलावा चार बेटे ओम प्रकाश राजभर, धुरेंद्र राजभर, वीजेंद्र राजभर और रामलखन राजभर और बेटी विद्या देवी हैं.
चार दिन में चार लाख का बिल
अपनी मां को खोने के बाद चार दिन में चार लाख का बिल अस्पताल द्वारा बनाए जाने पर मंत्री राजभर ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने बातया कि मां बोलते हुए लखनऊ के मेदांता अस्पताल में आई लेकिन यहां एडमिट होने के बाद नहीं बोल पाई. उन्होंने कहा कि मां की 22 दिन पूर्व तबीयत बिगड़ने थी और उनका उपचार चल रहा था। चार दिन पूर्व उन्हें दोनों बेटे अरविन्द राजभर व अरुण राजभर से कहा कि लखनऊ मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दो. उन्होंने यहां पर मेदांता अस्पताल में चार दिन पूर्व उन्हें भर्ती कराया. जहां उनकी मौत के बाद मात्र चार दिनों में चार लाख का लम्बा-चौड़ा बिल थामा दिया गया.