Atal Bihari Vajpayee birth anniversary:अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाने वाला लड़का कैसे बना राजनीति का `अटल` सत्य
Atal Bihari Vajpayee birth anniversary : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन 25 दिसंबर को आता है. नरेंद्र मोदी के प्रशासन ने 2014 में घोषणा की, कि वाजपेयी के जन्मदिन, 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा, और तब से आज तक 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को स्कूल टीचर पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर हुआ था. अटल जी को भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया है. इनका बचपन काफी कठिनाइयों में बीता था.
नरेंद्र मोदी के प्रशासन ने 2014 में घोषणा की कि वाजपेयी के जन्मदिन, 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा . 2015 में, उन्हें भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. 2018 में उम्र संबंधी बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई.
अटल जी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और कवि थे. साथ ही भारत के 10वें प्रधान मंत्री के रूप में तीन बार सेवा की , पहली बार 1996 में 13 दिनों की अवधि के लिए, फिर 1998 से 1999 तक 13 महीने की अवधि के लिए, उसके बाद 1999 से 2004 तक पूर्ण कार्यकाल के लिए.
अटल बिहारी वाजपेयी मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे थे. वाजपेयी ने प्रारंभिक शिक्षा यहां के विक्टोरिया कॉलेज से बीए तक की शिक्षा पूरी की. इसके बाद अटल जी ने कानपुर में डीएवी कॉलेज से एमए किया.
राजनीति में वाजपेयी की शुरुआत 1942-45 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में हुई थी. उन्होंने कम्युनिस्ट के रूप में शुरुआत की, लेकिन हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता के लिए साम्यवाद को छोड़ दिया.
अटल बिहारी वाजपेयी कुल 10 बार लोकसभा के सांसद रहे. वहीं वह दो बार 1962 और 1986 में राज्यसभा के सांसद भी रहें. इस दौरान अटल ने उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली और मध्य प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीते. वहीं वह गुजरात से राज्यसभा पहुंचे थे.
1977 में मोरार जी देसाई की सरकार में अटल विदेश मंत्री थे, वह तब पहले गैर कांग्रेसी विदेश मंत्री बने थे. इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन में हिंदी में भाषण दिया था और दुनियाभर में हिंदी भाषा को पहचान दिलाई, हिंदी में भाषण देने वाले अटल भारत के पहले विदेश मंत्री थे.
अटल बिहारी वाजपेयी पांच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संसद के सदस्य रहे थे. निचले सदन लोकसभा के लिए दस बार और ऊपरी सदन राज्यसभा के लिए दो बार चुने गए थे.
अटल बिहारी वाजपेयी एक हिंदू राष्ट्रवादी स्वयंसेवी संगठन थे. साथ ही आरएसएस के सदस्य थे. अटल जी एक प्रसिद्ध कवि और लेखक भी थे.
वाजपेयी सरकार ने कई घरेलू आर्थिक और ढांचागत सुधार पेश किए थे. जिनमें निजी क्षेत्र और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना , सरकारी बर्बादी को कम करना , अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना और कुछ सरकारी स्वामित्व वाले निगमों का निजीकरण शामिल थे.