Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा पर दो महासंयोग, जुलाई में आने वाली सबसे बड़ी पूर्णिमा पर महज कुछ घंटों का मुहूर्त
हम सभी के जीवन में गुरु का बहुत महत्व होता है. अच्छे और सफल जीवन के लिए गुरु ही हमारा मार्गदर्शन करते हैं. और सभी गुरु जनों को सम्मानित करने के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है. तो आइये आपको बताते हैं कि इस वर्ष गुरु पूर्णिमा कब है और इस दिन क्या-क्या करना शुभ माना जाता है.
माता-पिता के बाद सबसे बड़े गुरु
माता पिता के बाद के इस संसार में सभी के जीवन सबसे ज्यादा महत्व गुरु का होता है. माता-पिता जन्म देते हैं तो गुरु हमें इस संसार की अच्छाई बुराई बताते है और हमारे जीवन को सही और सफल रह देने में मार्गदर्शन करते हैं.
गुरु को सम्मानित करने का दिन
जैसे हमें जन्म देने वाले माता का ऋण कभी चुकाया नहीं जा सकता उसी प्रकार गुरु की शिक्षा दीक्षा का ऋण भी चुकाया नहीं जा सकता, मगर गुरु को सम्मानित करने का सबसे शुभ दिन गुरु पूर्णिमा होता है.
कब है गुरु पूर्णिमा 2024
सबसे पहले आपको बता दें कि साल 2024 में गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को है. पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई 2024 को शाम 05:59 बजे प्रारंभ होगी और 21 जुलाई 2024 को शाम 03:46 बजे समाप्त होगी.
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा और वेद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन ज्ञान और शिक्षा के देवता कहे जाने वाले महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
गुरु-शिष्य परंपरा का सम्मान
यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा का भी सम्मान करता है इस दिन, शिष्य अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
आत्म-विकास के लिए शुभ दिन
गुरु पूर्णिमा को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्ति और आत्म-विकास के लिए भी एक शुभ दिन माना जाता है. इस गुरुओं का सम्मान, पूजा और उन्हें उपहार भेंट किया जाता है.
वेद मंत्रों का जाप
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं का सम्मान और पूजा के सात ही वेदों और अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना शुभ और फलदायी माना गया है. इस दिन कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.
दान-पुण्य
इस दिन आध्यात्मिक चेतना और आत्म-विकास के लिए ध्यान और योग का अभ्यास किया जाता है और गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना भी शुभ माना जाता है.
पीले रंग का महत्व
गुरु पूर्णिमा के दिन पीले रंग शुभ माना जाता है इस दिन पीले रंग वस्त्र पहनें, पीले वस्त्रों का दान करें और सात्विक भोजन ग्रहण करने से चेतना और बुद्धि का विकास होता है.
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