मेरठ का दीपक त्यागी कैसे बना यति नरसिंहानंद, सरकारी मुलाजिम का बेटा जो विदेश से पढ़ा, फिर कैसे बना डासना मंदिर का पुजारी
yati narsighanand saraswati: 2021 में जूना अखाड़ा ने यति को महामंडलेश्वर बनाया. अपने आप में यह एक बड़ा पद है. हालांकि पुलिस ने 2019 में यति को गंभीर किस्म का उपद्रवी बताया है.
पैगंबर मोहम्मद को लेकर की टिप्पणी
डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती को लेकर एक बार फिर से विवाद गहरा गया है. वैसे तो उनका विवादों से पुराना नाता है. लेकिन इस बार उन्होंने जो बयान दिया है. उससे समुदाय विशेष में भारी गुस्सा है. इस बार उन्होंने पैगंबर मुहम्मद को लेकर टिप्पणी की है.
नरसिंहानंद ने क्या कहा था
दरअसल गाजियाबाद में ही आयोजित एक कार्यक्रम में वे बोल रहे थे. वहां उन्होंने एक बयान में कहा, '' अगर आज जलाना है तो मोहम्मद का पुतला जलाइए.'' इसके बाद उनके बयान का वीडियो वायरल होने लगा. जिले लेकर समुदाय विशेष नाराज है. यति नरसिंहानंद के खिलाफ कई जगह मामले दर्ज हुए हैं.
असली नाम दीपक त्यागी
आपको बता दें कि यति नरसिंहानंद का जन्म का नाम दीपक त्यागी है. वह मूल रूप से जनपद मेरठ के रहने वाले हैं. उनके पिता सरकारी नौकर थे. उनको मिलाकर वे पांच भाई बहन हैं.
पढ़ाई का लेखा जोखा
दीपक त्यागी 1989 में पढ़ाई के उद्देश्य से रूस चले गए थे. वहां उन्होंने केमिकल टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने रूस के अलावा इंग्लैंड में काम किया. बाद में जब उनकी मां बीमार पड़ी तो स्वदेश लौट आए.
डासना मंदिर से कब जुड़े
यदि नरसिंहानंद डासना मंदिर में साल 2007 में पुजारी बने. पहले तो उन्होंने अपना नाम दीपेंद्र नारायण सिंह किया और आगे चलकर वह यति नरसिंहानंद हो गए.
कुछ समय तक सपा का साथ
बकौल नरसिंहानंद वह एक समय में समाजवादी पार्टी का हिस्सा होना चाहते थे. कुछ समय के लिए पार्टी से जुड़े लेकिन फिर आगे बात नहीं बनी.
परिवार
आपको बता दें कि यति नरसिंहानंद की शादी हो चुकी है और उनकी बेटी भी है लेकिन वे उनके साथ नहीं रहते हैं. लंबे समय से वे अलग रहते हैं. दरअसल उनके परिवार को उनका धर्म राजनीति से जुड़ा होना पसंद नहीं है.
मुसलमानों से क्यों है नफरत
बकौल नरसिंहानंद , जब उनको पहली बार एक लड़की द्वारा लव जिहाद के बारे में पता चला तब से वह मुस्लिमों से नफरत करने लगे. यहां तक कि वे इस्लाम के भी खिलाफ हैं. दरअसल उन्होंने 2022 में एक बच्चे की पिटाई कर दी थी क्योंकि वह मुस्लिम होकर मंदिर के हैंडपंप से पानी पी रहा था. बाद में सफाई में उन्होंने कुछ और दलील दी. उनके मंदिर में मुस्लिमों को प्रवेश नहीं है.
जूना अखाड़ा ने महामंडलेश्वर बनाया
2021 में जूना अखाड़ा ने यति को महामंडलेश्वर बनाया. अपने आप में यह एक बड़ा पद है. हालांकि पुलिस ने 2019 में यति को गंभीर किस्म का उपद्रवी बताया है. जो कानून व्यवस्था के लिए सही नहीं है.
बीजेपी के साथ क्या है संबंध
यति खुद को बीजेपी के पूर्व सांसद बैकुंठ लाल शर्मा यानी प्रेम सिंह शेर का करीबी बताते हैं. जिनका कि निधन हो चुका है. वह सीएम योगी के भी कट्टर समर्थक हैं.