कैसे की जाती है रुद्राक्ष की खेती, उत्तराखंड में इस जगह से मुफ्त में मिलते हैं पौधे
How to Grow Rudraksh: रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक है. रुद्राक्ष मुख्य रूप से आभूषणों और मालाओं के लिए भारत, इंडोनेशिया और नेपाल में उगाया जाता है. हम यहां आपको इसे घर या आस-पास उगाने का तरीका बता रहे हैं.
रुद्राक्ष
हिंदू धर्म में रूद्राक्ष को बहुत पवित्र माना जाता है. इसे भगवान शिव का रूप माना जाता है.
रुद्राक्ष में कई औषधीय गुण
रुद्राक्ष में कई औषधीय गुण होते हैं. इससे बल्ड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, एग्जिमा, दाद और मुहांसों के मामले में भी ये मददगार है. इससे अस्थमा में भी राहत मिलती है. इसे पहनने से उम्र का असर कम होता है. साथ ही रुद्राक्ष पहनना दिल की बीमारी व घबराहट को कम करता है.
एयर लेयरिंग विधि
रुद्राक्ष का पेड़ एयर लेयरिंग विधि से लगाया जा सकता है. पौधे की शाखा में पेपपिन से रिंग काटकर उसके ऊपर मौस लगाई जाती है.
2-3 साल लगते हैं
रुद्राक्ष का पेड़ 60-80 फीट ऊंचा भी हो सकता है. इसे लगाने के 2-3 साल के अंदर इसमें फल आने लगते हैं.
कहां लगाएं
रुद्राक्ष के पौधे के लिए आपको 18-20 इंच गहरा गमला चुनना चाहिए जो कि10 इंच चौड़ा हो. बेहतर है कि आप इसे जमीन पर लगाएं.
पानी की निकासी
रुद्राक्ष का पौधा उगाने के लिए पानी की निकासी का ध्यान रखना होता है. इस हिसाब से मिट्टी भी चुनी जाती है.
इस बात का रहे ध्यान
रुद्राक्ष के पौधे को गर्मियों के समय ज्यादा पानी की जरूरत होती है और सर्दियों के समय कम पानी की. पौधे की जड़ में पानी रुकना नहीं चाहिए.
कितना पानी दें
रुद्राक्ष के पौधे को गर्मियों के समय ज्यादा पानी की जरूरत होती है और सर्दियों के समय कम पानी की. पौधे की जड़ में पानी रुकना नहीं चाहिए.
छंटाई भी जरूरी
एक बार रुद्राक्ष का पौधा 8 फीट तक आ गया तो इसे समय समय पर छांटना भी जरूरी है. गोबर की खाद इसके लिए अच्छी रहेगी. आप पौधे को ज्यादा पानी देने से बचें.
हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र
उत्तराखंड में रुद्राक्ष की खेती के लिए हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र से मुफ्त में पौधे लिए जा सकते हैं.