5 बार के सांसद और 7 साल से मुख्यमंत्री, योगी के मुकाबले कितना बड़ा है ब्रजेश पाठक और केशव मौर्य का सियासी करियर
यूपी बीजेपी में मची खींचतान के बीच सियासी गलियारे में हलचल बढ़ गई थी. यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ से दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और ब्रजेश पाठक ने दूरी बना ली थी. इस खटपट की गूंज दिल्ली तक सुनाई दी थी. हालांकि, हाईकमान ने यूपी में बदलाव को लेकर स्थिति साफ कर दी है.
सीएम योगी का राजनीतिक करियर
5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे योगी आदित्यनाथ ने 22 साल की उम्र में ही सांसारिक मोह माया छोड़कर योगी बन गए थे. इसके बाद वह अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गए थे.
सबसे कम उम्र में सांसद बने
साल 1998 में गुरुदेव महंत अवैद्यनाथ ने सीएम योगी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था. इसके बाद 1998 में सबसे कम उम्र 26 साल की उम्र में वह सांसद चुन लिए गए.
सीएम योगी के नाम ये भी रिकॉर्ड
योगी आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में गोरखपुर से सांसद चुने गए. 42 साल की उम्र में लगातार पांच बार सांसद रहने का रिकॉर्ड बनाया. साल 2017 में वह यूपी के मुख्यमंत्री बने, तब से वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं.
केशव प्रसाद मौर्या का राजनीतिक करियर
7 मई 1969 को यूपी के कौशांबी में जन्मे केशव प्रसाद मौर्या प्रयागराज में हिन्दू साहित्य सम्मेलन में हिन्दी साहित्य का अध्ययन किया. इसके बाद 1980 के दशक में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ गए.
पहली बार सिराथू से विधायक बने
केशव प्रसाद मौर्या ने 1990 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में कार सेवकों के समूह का नेतृत्व किया. 2012 में सिराथू से बीजेपी से पहले विधायक बने. इसके बाद 2014 में फूलपुर से सांसद चुने गए. 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव लड़े.
हार के बाद भी डिप्टी सीएम बनाए गए
केशव प्रसाद मौर्या 2016 में यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए. एक बाद ही वह उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बना दिए गए. इसके बाद 2022 में भी वह चुनाव हार गए, लेकिन डिप्टी सीएम बने रहे.
ब्रजेश पाठक का राजनीतिक करियर
25 जून 1954 को यूपी के हरदोई में जन्मे ब्रजेश पाठक लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की राजनीति में भी सक्रिय रहे. 1990 में वह छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए. 2002 में कांग्रेस से हरदोई के मल्लावां से विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए.
कांग्रेस, बसपा के बाद बीजेपी का दामन थामा
दो साल बाद ही कांग्रेस छोड़कर वह बसपा में चले गए. 2004 में बसपा ने उन्नाव से लोकसभा चुनाव लड़ाया. पहली बार वह जीतकर संसद पहुंचे. इसके बाद 2009 में राज्यसभा भी गए.
2017 में कानून मंत्री बनाए गए
2014 में उन्नाव से दोबारा बसपा से सांसद बने. 2016 में वह बसपा छोड़कर भाजपा में चले गए. 2017 में लखनऊ मध्य से विधानसभा लड़ा और जीत गए. 19 मार्च 2017 को योगी सरकार मं वह कानून मंत्री बनाए गए. वर्तमान में वह डिप्टी सीएम हैं.