Mahakumbh 2025: घोड़ों पर सवार, हाथों में हथियार... अखाड़ों का महाकुंभ नगर में शानोशौकत के साथ प्रवेश
प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में आस्था के महासागर में श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़े ने अपने भव्य और दिव्य छावनी प्रवेश के साथ आध्यात्मिकता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.
सबसे प्राचीन अखाड़े का प्रवेश
श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, जो अब तक 122 महाकुंभ आयोजित कर चुका है, ने महाकुंभ नगर में छावनी स्थापित की.
11 किमी की भव्य छावनी यात्रा
अखाड़े की यात्रा मड़ौका आश्रम से शुरू होकर सेक्टर 20 में स्थित छावनी तक 11 किमी तक चली.
देवताओं का रथ बना आकर्षण
यात्रा में भगवान गजानन का रथ और पंच परमेश्वर रमता पंच श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहे.
वृक्ष लगाओ, सृष्टि बचाओ का संदेश
अखाड़े ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए भक्तों को पौधे लगाने का संकल्प दिलाया.
51 हजार पौधे प्रसाद के रूप में
अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने इस बार महाकुंभ में 51 हजार फलदार पौधे प्रसाद के रूप में देने का ऐलान किया.
नागा संन्यासियों की उपस्थिति
छावनी यात्रा में एक दर्जन महा मंडलेश्वर, 51 श्री महंत और बड़ी संख्या में नागा संन्यासियों ने भाग लिया.
हरित महाकुंभ का उद्देश्य
अखाड़े ने योगी सरकार के 'हरित महाकुंभ' के संकल्प को समर्थन दिया और पर्यावरण रक्षा को प्रमुख उद्देश्य बनाया.
जगह-जगह पुष्पवर्षा
स्थानीय लोगों और महाकुंभ प्रशासन ने यात्रा का पुष्पवर्षा से स्वागत किया.
धर्म रक्षा और पर्यावरण संरक्षण
अखाड़े के संतों ने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ पर्यावरण संकट को भी प्रमुख मुद्दा बताया.
ऊंट-घोड़ों की रथयात्रा
यात्रा में रथों, ऊंटों और घोड़ों पर सवार संतों ने यात्रा को भव्यता प्रदान की.
महाकुंभ में विशेष आयोजन
अखाड़ा पर्यावरण संरक्षण और धरा की रक्षा के लिए महाकुंभ के दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित करेगा.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.