DM और SP में किसका रुतबा ज्यादा, जानिए अधिकारों के साथ मिलती है कितनी सैलरी
ज्यादातर छात्र परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोचिंग संस्थानों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद लेते हैं जबकि कुछ छात्र सेल्फ स्टडी भी करते हैं. वहीं, आम लोगों में सिविल सेवा के ऑफिसर की पावर और रैंक को लेकर ज्यातर लोगों के मन में कंफ्यूजन रहता है.
DM और SP में अंतर?
सबसे पहले जानते हैं डीएम और एसपी में अंतर क्या होता है. एसपी इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) की पोस्ट है जबकि डीएम आईएएस (इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस) का पद है.
कौन किसके अधीन
जिलाधिकारी जहां कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और लोकशिकायत और पेंशन विभाग के अधीन होते हैं. जबकि आईपीएस अधिकारी गृहमंत्रालय के अधीन काम करते हैं.
किसके पास क्या अधिकार?
आईएएस अधिकारी की बात करें तो इसके पास लोक प्रशासन, नीति निर्माण और उनको इंप्लीमेंट कराने से जुड़े अधिकार होते हैं. वहीं आईपीएस के पास पुलिस प्रशासन और लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े फैसले लेने का अधिकार होता है.
DM के पास क्या जिम्मेदारी?
जिला स्तर पर कार्यक्षेत्रों को देखा जाए तो डीएम का काम कानून व्यवस्था ठीक रखने से लेकर रेवेन्यू कलेक्ट करने तक की जिम्मेदारियां होती हैं. वहीं पॉलिसी बनाने, सरकारी योजनाओं को लागू कराने और राजस्व इकट्ठा कराने का अधिकार डीएम के पास होता है.
SP के पास क्या जिम्मेदारी?
सुपिरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) पुलिस महकमे में जिले का सबसे बड़ा पद होता है. उसके अंडर में जिले के सभी थाने आते हैं. एसपी को एएसपी असिस्ट करते हैं.
किसकी पावर ज्यादा?
ऐसे तो डीएम और एसपी की पावर की कोई तुलना नहीं हो सकती है दोनों अलग-अलग क्षेत्र में समान लेवल पर पावर रखते हैं. लेकिन कहा जा सकता है कि डीएम के पास ज्यादा पावर होती है. उसके पास एसपी के मुकाबले ज्यादा फैसले लेने के अधिकार होते हैं.
एसपी की सैलरी?
एसपी के वेतन की बात करें तो इनकी बेसिक सैलरी करीब 78800 रुपये के आसपास होती है. इसमें एचआरए और अन्य भत्ते शामिल कर लिए जाएं तो यह 1.10 लाख से 1 लाख 35 हजार तक हो सकती है.
डीएम की सैलरी?
वहीं जिलाधिकारी की बात करें तो इनकी बेसिक सैलरी करीब 80 हजार रुपये के आसपास होती है. अन्य भत्तों को शामिल कर लिया जाए यह 1 लाख से ऊपर पहुंच जाती है.
ये सुविधाएं भी
इसके अलावा जिलाधिकारी और एसपी को सरकारी बंगला, वाहन, कुक समेत अन्य चीजों में सहायता करने के लिए सहायकों की सुविधा भी मिलती है.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता का दावा जी यूपीयूके नहीं करता है.