छठ में अस्त होते सूर्य को क्यों दिया जाता है अर्घ्य, क्या होते है इसके फायदे

Chhath: सूर्य उपासना के महापर्व छठ का आज (रविवार 19 नवंबर) की शाम को अस्ताचल भगवान सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया जाएगा. व्रती महिलाएं समूहों में छठ मैया के गीत गाते हुए गंगा घाटों के साथ ही नहरों, पोखरों एवं तालाबों पर पहुंचेगी. वेदी पर पर ईख के बीच कलश स्थापित कर पूजन-अर्चन के बाद डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी.

संदीप भारद्वाज Nov 19, 2023, 19:57 PM IST
1/9

महापर्व छठ

छठ पूजा कार्तिक शुक्‍ल की षष्‍ठी तिथि को की जाती है, यह महापर्व 4 दिनों तक चलता है.

2/9

महापर्व छठ

छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाए होता है. दूसरा दिन खरना का होता है.

3/9

महापर्व छठ

तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ ही छठ पर्व समाप्‍त होता है. 

4/9

महापर्व छठ

ज्‍योतिष के अनुसार सूर्य को अर्घ्‍य देने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है. सूर्य सफलता, आत्‍मा, सेहत, नेतृत्‍व क्षमता के कारक हैं. 

5/9

महापर्व छठ

छठ पर्व एक ऐसा इकलौता ऐसा पर्व में जिसमें अस्त होते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है. 

6/9

महापर्व छठ

छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के समय नदी या तालाब में खड़े होकर ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. 

7/9

महापर्व छठ

अस्ताचलगामी सूर्य अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं, जिनको अर्घ्य देना तुरंत मनवांछित फल प्रदान करता है.

8/9

महापर्व छठ

डूबते सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में आर्थिक, सामाजिक, मानसिक, शारीरिक रूप से होने वाली हर प्रकार की समस्‍याएं दूर होती हैं.

9/9

महापर्व छठ

छठ पूजा के आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link