वृंदावनः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को माताओं और बच्चों के उचित पोषण को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यदि हम पोषण के अभियान को हर माता, हर शिशु तक पहुंचाने में सफल हुए तो अनेक जीवन बच जाएंगे. पोषण से जुड़े अपने कार्यक्रमों का जिक्र करने के साथ ही प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बच्चों के पोषण संबंधी अनेक योजनाएं चलीं, लेकिन वे सफल नहीं हो पायीं.


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बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराने वाली गैर लाभकारी संस्था अक्षय पात्र की ओर से आयाजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘अब बदली परिस्थितियों में पोषकता के साथ पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन बच्चों को मिले, ये सुनिश्चित किया जा रहा है. इस काम में अक्षय पात्र से जुड़े़ आप सभी लोग, खाना बनाने वालों से लेकर खाना पहुंचाने और परोसने तक के काम में जुटे सभी व्यक्ति देश की मदद कर रहे हैं.’’ 


उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने पिछले वर्ष राजस्थान के झुंझुनूं से देशभर में राष्ट्रीय पोषण मिशन की शुरुआत की थी.मोदी ने कहा कि पिछले साढे़ चार साल में सरकार ने माता और बच्चों के इर्द-गिर्द सुरक्षा कवच को मजबूत बनाया है जो खानपान, टीकाकरण, स्वच्छता के तीन आयामों पर केन्द्रित है.


बच्चों में टीकाकरण की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने टीकाकरण अभियान को मिशन मोड में चलाने का फैसला किया. मिशन इंद्रधनुष से देश में लगभग 3 करोड़ 40 लाख बच्चों और 90 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है. सम्पूर्ण टीकाकरण का हमारा लक्ष्य अब दूर नहीं है.


सरकारी अस्पतालों में लगने वाले टीकों की संख्या में वृद्धि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले के कार्यक्रम में 5 नए टीके जोड़े गए हैं, जिसमें से एक एनसेफलाइटिस यानि जापानी बुखार का भी है, जिसका सबसे ज्यादा खतरा उत्तर प्रदेश में देखा गया है. अब कुल 12 टीके बच्चों को लगाए जा रहे हैं.


उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मजबूत इमारत के लिए नींव का ठोस होना जरूरी है, उसी प्रकार शक्तिशाली नए भारत के लिए पोषित और स्वस्थ बचपन जरूरी है. स्वच्छता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों के सुरक्षा कवच का एक और महत्वपूर्ण पहलू है स्वच्छता है. स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से इस खतरे को दूर करने का बीड़ा हमने उठाया. एक अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट आई है, जिसमें संभावना जताई गई कि सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन से करीब 3 लाख लोगों का जीवन बच सकता है.


अपने संबोधन में किसानों, पशुपालकों और गाय के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पशुपालक अब बैंक से तीन लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं. ‘पीएम किसान’ योजना के तहत अन्नदाता को 6,000 रुपये सालाना सहयोग देने की पहल की गई है. उन्होंने अपने संबोधन में उज्ज्वला योजना समेत सरकार की तमाम जन कल्याण योजनाओं का भी ब्योरा दिया.


(इनपुट भाषा)