Kalki Mandir Sambhal: जहां पर भगवान विष्णु अपने अंतिम अवतार को धरेंगे उस पवित्र स्थान पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे और भगवान कल्कि के मंदिर का शिलान्यास किया. उत्तर प्रदेश में संभल जिले के एंकरा कंबोह इलाके में यह कल्कि मंदिर का निर्माण किया जाएगा. इस मंदिर का शिलान्यास पीएम मोदी सोमवार यानी आज किया. सफेद व भगवा रंग से सजा दिया गया है. कल्कि धाम को दुनिया का अनोखा मंदिर है जहां भगवान के अवतार से पहले ही उनका मंदिर बनाया जा रहा है. मंदिर में एक नहीं 10 गर्भगृह होंगे जिसमें भगवान विष्णु के सभी 10 अवतारों को स्थापित किया जाएगा.


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गुलाबी रंग के पत्थरों का किया जाएगा उपयोग 
संभल में इस कल्कि धाम को गुलाबी रंग के उन पत्थरों से निर्मित किया जा रहा है जिसको अयोध्या के राम मंदिर व सोमनाथ मंदिर वो बनाने के लिए उपयोग में लाया गया था. शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी व 11 फीट के ऊपर मंदिर का चबूतरा बनाया जाएगा. मंदिर में स्टील या लोहे का उपयोग नही होगा. मंदिर का निर्माण करीब 5 एकड़ में होगा और निर्माण में 5 साल का वक्त लगने का अनुमान है. संभल के कल्कि पीठ अपनी पहले वाले स्थान पर स्थित होगा व जब कल्कि धाम बनकर तैयार होगा तब उसके लिए भगवान का एक नया विग्रह होगा जिसके लिए प्रतिमा भी लाई जाएगी और उसकी पूरे विधि विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी. धाम भवन के दृष्टिकोण से भव्य व धार्मिक दृष्टिकोण से दिव्य रूप में निर्मित किया जाएगा. 


सफेद घोड़ा
इस मंदिर के खुले अहाते में चारों ओर से जाली के पत्थरों से ढकी एक गुमटी है जिसमें पीले संगमरमर से घोडे़ की प्रतिमा बनाई गई है. जिस पर भगवान कल्कि सवार होंगे. इस घोड़े के तीन पैर भूमि पर और एक पैर ऊपर उठा हुआ है. लोग मानते हैं कि यह पैर धीरे-धीरे नीचे की ओर झुक रहा है. घोड़े के इस पैर पर घाव है और जिस दिन ये घाव भरेगा उसी दिन कलयुगी अवतार कल्कि का जन्म हो जाएगा.


हिंदू धर्म ग्रंथों में इस संबंध में कई बातें वर्णत की गई है. एक वर्णन के अनुसार इस धरती पर जब-जब पाप व अन्याय बढ़ा है भगवान विष्णु अलग-अलग अवतार लेकर धरती पर आए हैं और पापियों का नाश किया है. विष्णु के दस अवतारों का शास्त्रों में उल्लेख किया गया वो हैं- वामन अवतार, नरसिंह अवतार, मत्स्य अवतार, राम अवतार, कृष्ण आदि अवतरित हो चुके हैं. कलयुग में उनका अंतिम अवतार कल्कि है जिसकों लेकर धार्मिक मान्यता है कि कलयुग में पाप जब अपनी चरम सीमा पर जा पहुंचेगा तब भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और कलयुग के पापियों का अंत करेंगे.


रहस्यमयी है भगवान विष्णु का कल्कि अवतार
कल्कि अवतार हमेशा से रहस्यमयी रहा है. श्रीमद्भगवद्गीता पुराण के बारहवें स्कन्द में कलयुग के अंत और सत्ययुग के संधि काल में भगवान के इस रूप के अवतार के बारे में बताया गया है. शास्त्रों में इस संबंध में एक श्लोक भी लिखा गया है- वो इस प्रकार है- सम्भल ग्राम मुख्यस्य, ब्राह्मणस्य महात्मनः। भवने विष्णु यशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
इसका श्लोक का अर्थ है कि संभल में भगवान कल्कि का जन्म विष्णुयश नाम के एक श्रेष्ठ ब्राह्मण के बेटे के रूप में होगा. मान्यता है कि कल्कि अवतार को भगवान परशुराम खड्ग देंगे व भगवान बृहस्पति उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी करेंगे. उनके इन्हीं वर्णन को ध्यान में रखकर उनकी प्रतिमा को तैयार किया जाएगा. देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होकर भगवान अपनी तलवार से दुष्टों का अंत करेंगे और यहीं से सत्ययुग प्रारंभ होगा. मिस्सकलंक अवतार के नाम से भी भगवान विष्णु का कल्कि अवतार को जाना जाएगा.