प्रयागराज : धूमनगंज के मरियाडीह में शनिवार को दबिश को पहुंची पुलिस टीम पर हमला हुआ. उपद्रवियों ने गोकशी के मामले में वांछित चल रहे आरोपी को पुलिस हिरासत से छुड़वा लिया. इसके बाद वह अपने साथियों के साथ फरार हो गया. हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्‍हें इलाज के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया गया.


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घटना की जानकारी मिलने के बाद कई थानों की फोर्स देर रात तक हमलावरों की तलाश में दबिश देती रही. एसपी क्राइम ने बताया कि गोकशी के मामले में मरियाडीह निवासी नुरैन वांछित चल रहा है. शनिवार शाम को उसके घर में होने की सूचना मिली. इस पर पुलिस टीम ने उसे पकड़ने के लिए बमरौली चौकी इंचार्ज के नेतृत्व में आठ पुलिसकर्मीयों ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया.


इसके बाद जैसे ही पुलिस उसे साथ लेकर जाने लगी, वहां सैकड़ों लोग जुट गए और पुलिस की टीम को घेर लिया. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं. पुलिस कुछ करती, इससे पहले ही उस पर लाठी-डंडों व ईंट-पत्थर से हमला बोल दिया गया. ईंट-पत्थर चलते देख पुलिसकर्मी पीछे हट गए. जिसके बाद भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने नुरैन को जबरन पुलिस हिरासत से छुड़वा लिया और फिर उसे लेकर भाग निकले. 


बम्हरौली चौकी प्रभारी नित्यानंद सिंह आरोपी को पकड़ने दौड़े तो भाग रहे युवकों ने फायरिंग की. जिससे उन्हें पीछे हटना पड़ा. किसी तरह खुद को व टीम को बचाकर उन्होंने मामले की जानकारी अफसरों को दी तो हड़कंप मच गया. इसके बाद सीओ सिविल लाइंस ने आधा दर्जन थानों की फोर्स और पीएसी लेकर मौके पर पहुंच गए. भारी फोर्स को देखते ही गांव में भगदड़ मच गई. हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें एसआई नित्यानंद के अलावा कांस्टेबल कृष्णानंद, दीपक कुमार व दीपक भारद्वाज के अलावा तीन अन्य जवान शामिल हैं.


सभी को इलाज के लिए कॉल्विन अस्पताल पहुंचाया गया. धूमनगंज पुलिस ने मामले में 20 नामजद व घर की अज्ञात महिलाओं के खिलाफ हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा डालना, बलवा समेत अन्य आरोपों में रिपोर्ट दर्ज की गई. उधर पुलिस टीम पर हमले की खबर मिली तो अफसरों में भी हड़कंप मचा. पुलिस ने बताया कि नुरैन पर इसी साल मार्च में गोवध अधिनियम का मामला दर्ज किया गया था. तबसे वह फरार चल रहा था.


कुछ दिन पहले ही इसी मामले में नामजद एक अन्य आरोपी को बम्हरौली चौकी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. धूमनगंज थाना क्षेत्र मरियाडीह गांव जिले के सबसे विवादित गांवों में एक है. माना जाता है जनपद में सबसे ज्‍यादा आपराधिक घटनाएं इसी इलाके में होतीं हैं. इस इलाके को अहमदाबाद की जेल में बन्द बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद का गढ़ भी माना जाता है.