प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पुलिस भर्ती एवं चयन बोर्ड के चेयरमैन को उन उम्मीदवारों को फिर से अवसर देने का निर्देश दिया है, जो सत्यापन के लिए अपने कागजात जमा नहीं कर सके थे. अदालत ने बोर्ड को एक हलफनामा दाखिल कर उन उम्मीदवारों की संख्या बताने को कहा जो पुलिस कांस्टेबल भर्ती-2013 के लिए शारीरिक जांच में खरे उतरे, लेकिन सत्यापन के लिए अपने दस्तावेज जमा नहीं कर सके.


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कानपुर की अभ्यर्थी ने दायर की याचिका
न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने कानपुर की लक्ष्मी देवी द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर यह निर्देश दिया. लक्ष्मी देवी ने अपनी याचिका में कहा था कि वह फिजिकल फिटनेस टेस्ट में उत्तीर्ण रहीं, लेकिन वह सत्यापन के लिए अधिकारियों के समक्ष दस्तावेज जमा नहीं कर सकीं.


 



वकील ने ये दी दलील
लक्ष्मी देवी के वकील कैलाश प्रकाश पांडेय ने अपनी दलील में कहा कि लक्ष्मी देवी एक गरीब महिला है जो ग्रामीण क्षेत्र में रहती है और उसके पास मोबाइल नहीं है. उसने फार्म में गांव के एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर भरा था, लेकिन उस व्यक्ति ने परिणाम के बारे में उसे नहीं बताया जिसकी वजह से वह समय रहते अपने दस्तावेज सत्यापन के लिए नहीं जमा कर सकी. उन्होंने कहा कि लक्ष्मी देवी को अपने दस्तावेज जमा करने का एक अवसर दिया जाना चाहिए.


कोर्ट ने ये दिया आदेश
इस पर अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता समाज के एक वंचित तबके से आती है और उसके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है. आवेदन पत्र में उपलब्ध कराया गया मोबाइल नंबर एक ग्रामीण का था, इसलिए याचिकाकर्ता को संदेश नहीं मिला. आवेदक को किसी अन्य माध्यम से सूचित नहीं किया गया.


अदालत ने बोर्ड को याचिकाकर्ता सहित उन सभी उम्मीदवारों को एक अवसर देने का निर्देश दिया जो सत्यापन के लिए अपने दस्तावेज नहीं जमा कर सके थे. बहरहाल, अदालत ने इस मामले की सुनवाई की अगली तिथि 24 मई तय कर दी.