प्रभात अवस्थी/कानपुर: ज्यादा सुख सुविधाओं में रहने वाले अमीरों के बच्चे ही ज्यादा बीमार पड़ते हैं. एक शोध से पता चला है कि अमीरों के 70 प्रतिशत बच्चे शुगर और बीपी से पीड़ित हैं, जबकि यह प्रतिशत गरीबों के बच्चों में मात्र 5 प्रतिशत है. यह शोध कानपुर मेडिकल कॉलेज में किया गया था. 


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अमीरों के 50 फीसदी से ज्यादा बच्चे घर से बाहर नहीं खेलते
कानपुर मेडिकल कॉलेज के रिसर्च में रईसों के 70 प्रतिशत बच्चों में कोलेस्ट्रॉल, शुगर, बीपी, मोटापा जैसी बीमारियां हैं. इसके पीछे की वजह है खराब लाइफस्टाइल,जो अमीरों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी मे शामिल हो चुका है. रिसर्च से यह भी पता चला है कि 50 प्रतिशथ बच्चे तो ऐसे हैं जो घर से बाहर निकल कर खेलते ही नहीं हैं. 2 साल तक चली इस रिसर्च में 10 से 20 साल की उम्र के 635 स्कूली बच्चों को शामिल किया गया था.


70 प्रतिशत में मिली बीपी, मोटापा जैसी गंभीर बीमारियां
रिसर्च को लीड करने वाले डॉ. वी.एन. त्रिपाठी ने बताया की रिसर्च के लिए 635 बच्चों को इनकम के हिसाब से 4 वर्गों में बांटा गया. लोअर क्लास (निम्न वर्ग), मिडिल क्लास (मध्य वर्ग) अपर मिडिल क्लास (उच्च मध्य वर्ग) और अपर क्लास ( उच्च वर्ग). उन्होंने बताया कि सर्वे में अपर कलास और अपर मिडिल क्लास के 70% बच्चों में बीपी, मोटापा जैसी गंभीर बीमारियां मिलीं. इसमें एक-एक फैक्ट्स को तैयार किया गया. इसलिए रिसर्च में दो साल का वक्त लगा.डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि इनमें से 22 प्रतिशथ बच्चे मोटापा 12 प्रतिशत बच्चों में बीपी की शिकायत थी और 9 प्रतिशथ बच्चों में शुगर की समस्या थी. उन्होंने बताया कि गरीब घर के बच्चों में मात्र 5 प्रतिशत ही यह शिकायत मिली. 


आउटडोर गेम से दूर हो रहे बच्चे
डॉ. त्रिपाठी ने बताया की 5 साल से अधिक उम्र के बच्चों को घर के बाहर रोजाना 3 से 4 घंटे खेलना चाहिए. जब उनका पसीना बहेगा, तभी उनके अंदर नई ऊर्जा का संचार होगा. मगर, आजकल मोबाइल के जमाने में बच्चे धीरे-धीरे आउटडोर गेम से दूर होते जा रहे हैं. जो बहुत गरीब घर के बच्चे थे, उनमें महज 5% बच्चे ऐसे थे, जिनमें ऐसी शिकायतें निकली. उसमें भी यह वह बच्चे थे, जिनके मां-बाप में भी बीपी और शुगर जैसी समस्याएं थीं.


जीवनशैली में लाना होगा बदलाव 
डॉ त्रिपाठी के अनुसार अगर बच्चों की सेहत अच्छी रखनी है तो मां बाप को ध्यान देना होगा. बच्चों की जीवनशैली में सुधार लाना होगा. उनके अनुसार यह काम ज्यादा मुश्किल नही है बस थोड़ा सा ध्यान देने की जरूरत है, सारा फर्क परवरिश का होता है.