Prayagraj News: सपा सरकार में हुए जूनियर इंजीनियर और क्लर्क भर्ती घोटाले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 169 अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगी नौकरी
Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जल निगम भर्ती घोटाले में बड़ा फैसला सुनाया है. यह फैसला समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान 2017 में हुई भर्ती में अनियमितताओं के आरोपों के बाद आया है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को सेवा बहाली के साथ वरिष्ठता बहाल करने का आदेश दिया, लेकिन बकाया वेतन नहीं देने का निर्णय लिया.
मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जल निगम भर्ती घोटाले से जुड़ी याचिका पर अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने सीएफएसएल (केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब) की जांच में दोषी पाए गए 169 चयनितों को छोड़ बाकी सभी योग्य चयनितों की सेवाओं को बहाल करने का आदेश दिया है. समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के दौरान 2017 में जल निगम में 853 पदों पर जूनियर इंजीनियर और क्लर्क की भर्ती की गई थी.
करीब चार साल बाद...
तत्कालीन नगर विकास मंत्री आज़म खान के कार्यकाल में हुई इस भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप था. आरोप के मुताबिक, सैकड़ों अभ्यर्थियों को बढ़ा-चढ़ाकर नियुक्तियां दी गई थीं, और कुछ अभ्यर्थियों को नियमों को ताक पर रखकर नौकरियां दी गई थीं. करीब चार साल बाद आए एक महत्वपूर्ण फैसले में कोर्ट ने कहा कि यूपी जल निगम एक एकीकृत निगम था, इसलिए याचियों की नियुक्ति के लिए जल निगम जिम्मेदार है. 2021 में इसे शहरी और ग्रामीण जल निगम में बांटने से याचियों के दावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द
एसआईटी (विशेष जांच टीम) की जांच में भी यह पाया गया था कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं और कुछ खास लोगों को नियमों के विपरीत जाकर नौकरी दी गई थी. इसके चलते बड़ी संख्या में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई थीं. मामले को लेकर समराह अहमद सहित सैकड़ों अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि उन्होंने तीन साल की सेवा की है, और इस दौरान उन्हें नौकरी से हटाया जाना अनुचित है.
हाईकोर्ट की सुनवाई
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया कि इस फैसले का लाभ केवल याचिकाकर्ताओं को ही मिलेगा. याचिकाकर्ताओं को सेवा बहाली के साथ वरिष्ठता बहाल की जाएगी. हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इन बहाल अभ्यर्थियों को याचिका लंबित रहने तक का कोई बकाया वेतन नहीं मिलेगा, लेकिन काल्पनिक वेतन वृद्धि और वेतन संरक्षण की सुविधा दी जाएगी.
इन पदों की रिक्तियां उपलब्ध हैं
यूपी जल निगम (शहरी) के उप प्रबंधक ने 1 सितंबर, 2024 तक की रिक्तियों की जानकारी दी, जिसमें सहायक अभियंता (सिविल) के 158, सहायक अभियंता (विद्युत/यांत्रिक) के 18, कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के 622 और कनिष्ठ अभियंता (विद्युत/यांत्रिक) के 114 पद खाली हैं. वहीं, यूपी जल निगम (ग्रामीण) में 18 सितंबर, 2024 तक सहायक अभियंता (सिविल) के 154, सहायक अभियंता (विद्युत/यांत्रिक) के 24 और कनिष्ठ अभियंता (सिविल) के 793 सहित कई अन्य पदों की रिक्तियां उपलब्ध हैं.
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