Allahabad University Convocation: प्रयागराज में आज एक मंच पर होंगे सीएम योगी और कुमार विश्वास, रहेंगी सबकी नजरें
Allahabad University Convocation: आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 136वां दीक्षांत समारोह है. इस समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलाधिपति आशीष कुमार चौहान मौजूद रहेंगे. इस समारोह में कवि कुमार विश्वास को मानद उपाधि दी जाएगी. पढ़िए
Allahabad University Convocation: पूरब का ऑक्सफोर्ड के नाम से मशहूर इलाहाबाद विश्वविद्यालय का आज 136वां दीक्षांत समारोह है. इस समारोह को खास बनाने के लिए खास तैयारियां की गई हैं. दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे. वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में कुलाधिपति आशीष कुमार चौहान मौजूद रहेंगे. समारोह के दौरान जहां 2024 में पास हुए यूजी और पीजी के स्टूडेंट्स को डिग्रियां मिलेंगी. वहीं, मेधावी स्टूडेंट्स को मेडल भी दिए जाएंगे. इलाहाबाद विश्विद्यालय के आठ स्टूडेंट्स को सीएम योगी मंच पर अपने हाथों से डिंग्री देंगे. इतना ही नहीं इस दीक्षांत समारोह में कवि कुमार विश्वास को मानद उपाधि दी जाएगी. यह समारोह 11 बजे सीनेट परिसर के नार्थ हाल में शुरू होगा.
दीक्षांत समारोह के दौरान एक ही मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ और कवि कुमार विश्वास नजर आएंगे. जिस पर सभी की नजर होगी.
कुमार विश्वास को मानद उपाधि
जानकारी के मुताबिक, हिंदी कविता को देश और दुनिया में नई पहचान दिलाने और अपनी रचनात्मकता से हिंदी के प्रचार प्रसार में सराहनीय योगदान को देखते हुए कवि कुमार विश्वास को मानद उपाधि दी जाएगी. इससे पहले 1996 में मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की ओर से मानद उपाधि दी गई थी. इसके अलावा 2001 में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर रिचर्ड अर्नेस्ट को और 2023 में वैज्ञानिक डॉक्टर दीपक धर को डीएसी की उपाधि मिली थी. कुलपति ने कहा है कि हिंदी हमारी राजभाषा है, लेकिन हम चाहते हैं कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले.
4 साल में कितना भरा रिक्त पद?
कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की मानें तो पिछले 4 सालों में अपने कार्यकाल में शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के 70 फीसदी रिक्त पदों को भरने का काम किया है. विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था. जिसका असर यहां के पठन-पाठन पर भी पड़ रहा था. कुलपति के मुताबिक इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 25 प्रदेशों और 15 देश से आए शिक्षकों की नियुक्ति की गई है.
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