Mankameshwar Mandir News: तिरुपति बाला जी के लड्डू में इस्तेमाल घी में पशु चर्बी मिलाए जाने को लेकर उठे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के प्राचीन मंदिर ने बड़ा फैसला लिया है. मंदिर प्रबंधन ने भक्तों को प्रसाद के तौर पर लड्डू या पेड़े की जगह फल देने का कार्यक्रम शुरू किया है, ताकि किसी भी तरह की मिलावट से बचा जा सके. महंत दिव्यागिरी ने डीएम सूर्यपाल गंगवार को एक ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें मंदिर में प्रसाद को लेकर जारी नई गाइडलाइन को लागू कराने में जिला प्रशासन से सहयोग मांगा है.


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मनकामेश्वर मंदिर के महंत दिव्या गिरी ने यह जानकारी दी है. उनका कहना है कि फिलहाल प्रसाद को लेकर भक्तों में व्याप्त आशंकाओं और संदेहों के बीच यह फैसला लिया गया है. 


मंदिर प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि भक्त अपने घर से किसी प्रकार का प्रसाद लाकर चढ़ाते हैं तो वो ही गर्भगृह में भगवान को चढ़ाया जा सकता है. बाहर के किसी भी प्रसाद को यहां स्वीकार नहीं किया जाएगा. मंदिर प्रशासन ने इस नियम को कड़ाई से पालन कराने को कहा है. प्रसाद पर रोक के इस फैसले से मंदिर के आसपास दुकानें लगाने वाले परेशान हैं. उन्होंने इसे रोजी रोटी के लिए संकट बताया है, हालांकि मंदिर प्रशासन फिलहाल कोई रियायत देने के मूड में नहीं है. 


उसने साफ कहा है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डुओं को लेकर ताजा विवाद क बीच यह निर्णय किया गया है.सभी भक्तों से इस फैसले में सहयोग की अपील की गई है. भक्तों को प्रसाद के तौर पर सूखे मेवे आदि ही मंदिर में चढ़ाने की सलाह दी गई है. प्रसाद के तौर पर मंदिर से भी सिर्फ फल मिलेगा. किसी भी प्रकार का प्रसाद वितरित नहीं किया जाएगा. 


मनकामेश्वर मंदिर यूपी की राजधानी लखनऊ के डालीगंज में है. गोमती नदी के किनारे शिव पार्वती का यह प्राचीन मंदिर है.कहा जाता है कि मां सीता को वनवास छोडऩे के बाद लखनपुर के राजा लक्ष्मण ने यहीं भगवान शंकर की पूजा अर्चना की थी. इसी जगह बाद में मनकामेश्वर मंदिर बना. मनकामेश्वर मंदिर प्रयागराज और आगरा में भी है. माना जाता है कि ये मंदिर भगवान शिव को प्रसन्न करने और मनोकामना पूरी करती है.