प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीएससी की यूपीपीसीएस-जे 2022 मुख्य परीक्षा में कॉपियों के अदला बदली का मामला सामने आया है. इस जांच की पुष्टि के बाद, आयोग ने पांच अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. शासन से सेवानिवृत सहायक समीक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति मांगी गई है. आपको बता दें कि तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अजय तिवारी के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है.


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अधिकारियों को किया निलंबित 
शत-प्रतिशत त्रुटि रहित करने के लिए कोडिंग प्रक्रिया में कई बदलाव भी किए गए हैं. यूपीपीसीए-जे की उत्तर पुस्तिका की अदला-बदली प्रकरण की जांच के बाद, आयोग ने अनुभाग अधिकारी शिवशंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को निलंबित कर दिया है.


पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा
दरअसल, पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा 23, 24 और 25 मई 2023 को आयोजित हुई थी. वहीं 16 से 24 अगस्त 2023 के बीच में साक्षात्कार आयोजित किया गया था. जिसके बाद आयोग ने पीसीएस जे का अन्तिम चयन परिणाम 30 अगस्त को जारी की था. उस दौरान अजय तिवारी लोकसेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक थे. बता दें कि आयोग द्वारा आयोजित आरओ एआरओ का पेपर लीक मामले के बाद अजय तिवारी को परीक्षा नियंत्रक पद से हटाया गया था. अब लोकसेवा आयोग की तरफ से तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ पीसीएस जे मुख्य परीक्षा की कॉपियों में अदला बदली के मामले में भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है.


अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई 
पर्यवेक्षणीय अधिकारी उप सचिव सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का फैसला किया गया है. शासन को पत्र लिखकर सेवानिवृत्त सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति मांगी गई है. आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया कि जांच में पीसीएस-जे उत्तर कॉपी की अदला-बदली का मामला उजागर हुआ जब असफल अभ्यर्थी श्रवण कुमार ने उत्तर कॉपी देखने की आरटीआइ डाली थी.


हाइकोर्ट में अपील
जब एक कैंडिडेट ने हाइकोर्ट में अपील की, आयोग ने कोर्ट से सिर्फ छह उत्तर कॉपी मांगीं. योजना ने हाई कोर्ट में हलफनामा दिया और बताया कि सभी 3,019 कैंडिडेट्स की 18,042 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जा रही .