UP Shikshak Bharti: 12 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों के टूट गई शिक्षक बनने की आस, सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज
UP Shikshak Bharti: 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के अंतर्गत 12091 जनहितों की सूची को लेकर 7 साल से ज्यादा समय से चल रहा विवाद खत्म अब खत्म हो गया है.
मयूर शुक्ला/लखनऊ: परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 2011 में शुरू हुई 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के अंतर्गत 12091 जनहितों की सूची को लेकर 7 साल से ज्यादा समय से चल रहा विवाद खत्म अब खत्म हो गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के डबल बेंच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दर्ज की गई एसएलपी को खारिज किया गया है.
कोर्ट के आदेश पर 75000 अभ्यर्थियों ने दिया था प्रत्यावेदन
साल 2011 में विभिन्न जिलों में काउंसलिंग के बावजूद न्यूनतम कट ऑफ अनारक्षित (minimum cut off unreserved) 105 और आरक्षित 90 से अधिक पाने वाले कई कैडीडेट सिलेक्ट नहीं हुए थे. इसके खिलाफ पिछले साल प्रतापगढ़ के अभ्यर्थी राहुल पांडे की ओर से याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर 2015 को उन अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन लेने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश पर 75000 अभ्यर्थियों ने प्रत्यावेदन दिया था. 12091 को पात्र बताते हुए बेसिक शिक्षा परिषद ने सूची जारी की थी. यह एसएलपी 12091 चयन सूची में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की ओर से हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थी. जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कोई सुनवाई किए बिना 27 सितंबर 2023 को याचिका हाईकोर्ट को संदर्भित कर दी थी.
हाईकोर्ट ने नहीं दिया काउंसलिंग कराने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट में अपनी बात रखने के लिए कहा था. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने 12 जनवरी 2024 को ये कहा था कि जिनकी काउंसिलिंग न हुई हो, उनकी काउंसिलिंग के बाद नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं. इसके खिलाफ राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 16 अप्रैल को एकल पीठ के आदेश को ये कहते हुए रद्द कर दिया था कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने के 13 साल बाद काउंसिलिंग कराने का आदेश नहीं दिया जा सकता है. कोर्ट के इस फैसले से नाखुश होकर 12091 चयन सूची में शामिल कुछ अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो सोमवार को खारिज हो गई
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया ये हलफलनामा
उधर, राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर जानकारी दी कि कुल 66655 अभ्यर्थियों (candidates) की नियुक्ति कर दी गई है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचियों को हाईकोर्ट के सामने अपनी बात रखने का निर्देश दिया था. उसके बाद यह याचिका दाखिल की गई. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा था.अंत में 16 अप्रैल 2024 को फैसला दिया था कि 13 साल पुरानी भर्ती में काउंसिलिंग का आदेश नहीं दिया जा सकता. कोर्ट के इस फैसले को चैलेंज करते हुए कुछ अभ्यर्थी फिर से सुप्रीम कोर्ट गए जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई.
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