राम मंदिर निर्माण कार्य के आरंभ हुए एक वर्ष पूरे, जानें अयोध्या का कितना हुआ विकास
राम मंदिर की 45 फिट धरती के नीचे नीव है. 5 अगस्त तक नीव निर्माण का कार्य 50 प्रतिशत पूरा हो गया. 45 लेयर से निर्मित नीव में 25 लेयर नीव का निर्माण हो चुका है.
मनमीत गुप्ता/अयोध्या: देश के इतिहास में 5 अगस्त स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गया है. 500 वर्षो के संघर्ष का सुखद परिणाम राम मंदिर निर्माण का आरंभ होना है. सुप्रीम कोर्ट ने नवम्बर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया. लेकिन, 5 अगस्त 2020 पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों भूमि पूजन, जन्मभूमि मंदिर की आधारशिला रखे जाने से प्रारंभ हुआ मंदिर निर्माण कार्य तेजी के साथ प्रगति पर है.
2 शिफ्ट में हो रहा राम मंदिर का निर्माण
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण विश्व पटल पर बैठे सभी हिंदुओ की भावना थी. जिसे सुप्रीम फैसले ने अंजाम दिया और पीएम नरेंद्र मोदी ने साकार किया. राम मंदिर निर्माण कार्य के प्रारंभ हुए एक वर्ष बीत गए है. इन एक वर्षो में मंदिर निर्माण का कार्य 24 घंटे 2 शिफ्ट में तेजी से किया जा रहा है. इसके साथ ही अयोध्या का भी विकास तेजी से होना शुरू हो गया है.
रामायणकालीन प्रसंगों पर अधारित होंगे प्रवेश द्वार
राम मंदिर जाने के लिए श्रद्धालुओं को अयोध्या में बनने वाले 6 द्वारों से प्रवेश मिलेगा. आयोध्या में 6 प्रवेश द्वार रामायणकालीन प्रसंगों पर आधारित होंगे. सभी 6 प्रवेश द्वारों के नाम रामायणकालीन ऋषिमुनियों के नाम पर होंगे. इस द्वार का निर्माण अयोध्या विकास प्राधिकार करवाएगा. यह 6 प्रवेश द्वार लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, गोण्डा, आजमगढ़, अयोध्या को साथ जोड़ेगा. इन प्रवेश द्वारों की डिजाइन का सुझाव अयोध्या विकास प्राधिकरण प्रतियोगिता के माध्यम से तैयार करेगा.
50 प्रतिशत पूरा हुआ नीव निर्माण कार्य
राम जन्मभूमि निर्माण कार्य में इस समय नीव निर्माण किया जा रहा है. राम मंदिर की 45 फिट धरती के नीचे नीव है. 5 अगस्त तक नीव निर्माण का कार्य 50 प्रतिशत पूरा हो गया. 45 लेयर से निर्मित नीव में 25 लेयर नीव का निर्माण हो चुका है. प्रत्येक लेयर की मोटाई 10 इंच है. नीव 400 फिट लंबा 300 फिट चौड़ा है. जिसपर राम मंदिर का निर्माण होगा.
राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर का भाग सोने से होगा निर्मित
रामलला का मंदिर 1000 वर्ष से ज्यादा सुरक्षित रहे, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देश के टॉप आईआईटीएन की सलाह ली है. उनकी सलाह से राम मंदिर निर्माण समिति के माध्यम से निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो व टाटा कंसल्टेंसी कर रही है. राम जन्मभूमि 5 एकड़ में परकोटे के साथ बनाई जा रही है. लेकिन मूल गर्भग्रह 2.77 एकड़ में ही बनाई जा रही है. राम मंदिर के गर्भगृह के अंदर का भाग सोने से बना होगा और जमीन चांदी से बनेगी.जिसमे बाल रूप रामलला की प्राचीन प्रतिमा स्थापित होगी. इसके साथ ही एक राम की विशाल मूर्ति भी स्थापित की जाएगी.
अयोध्या में 2022 में शुरू हो जाएगा एयरपोर्ट
राम मंदिर निर्माण के साथ साथ अयोध्या को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बनाये जाने का कार्य भी तेजी से चल रहा है. लगभग 1 हजार करोड़ की लागत में 600 एकड़ भूमि पर एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है. उम्मीद है कि 2022 में विमान का संचालन अयोध्या से शुरू हो जाएगा, जिससे अयोध्या में बाहर से आने वाले श्रद्धालु, पर्यटक हवाई जहाज से समय की बचत करते हुए अयोध्या पहुच सके. अयोध्या अंतराष्ट्रीय स्तर पर अन्य राज्यों के साथ साथ देशों से सीधा जुड़ जाएगा.
रामलला चांदी के झूले में झूलेंगे झूला
अयोध्या में रामलला अस्थाई मंदिर में इस वर्ष सावन में चांदी के झूले में झूला झूलेंगे. उसी के साथ इस वर्ष रामलला का झूलनोत्सव की परंपरा प्रारंभ होगी. इससे पूर्व जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आया था. रामलला टेंट में रहते थे उस दौरान कोई उत्सव पारंपरिक रूप से नहीं मनाया जाता था. मुख्य पुजारी रामलला आचार्य सतेंद्र दास का कहना है कि रामलला के अस्थाई मंदिर में अब सभी प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं.
रामलला के भोग प्रसाद से लेकर वस्त्र तक कि परंपरा में परिवर्तन किया गया है. रामलला का अस्थाई भवन वातानुकूलित है. इसमें ऐसी लगी हुई है. रामलला प्रतिदिन अलग अलग वस्त्र धारण करते है.
सोमवार- सफेद वस्त्र
मंगलवार- लाल वस्त्र
बुधवार- हरा वस्त्र
गुरुवार-पीला वस्त्र
शुक्रवार- क्रीम कलर वस्त्र
शनिवार-नीला वस्त्र
रविवार- गुलाबी वस्त्र धारण करते हैं.
उनको दो तरह का भोग अर्पित किया जाता है. सुबह व शाम बाल भोग व दोपहर व रात्रि राजभोग अर्पित किया जाता है.
अयोध्या रेलवे स्टेशन पर एक लाख यात्रियों की रुकने की होगी व्यवस्था
अयोध्या में रामलला के मंदिर के साथ साथ विशाल रेलवे स्टेशन का भी निर्माण किया जा रहा है. अयोध्या रेलवे स्टेशन का मॉडल राम मंदिर मॉडल की तर्ज पर बनाया जा रहा है. रेलवे स्टेशन के ऊपरी भाग रामलला के मंदिर के शिखर की तरह बनाया जा रहा है. रेलवे स्टेशन में तीन शिखर बनाए जा रहे हैं. जब श्रद्धालु पर्यटक अयोध्या रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उसको राम मंदिर जैसा एहसास हो. इस तरीके से अयोध्या रेलवे स्टेशन को बनाया जा रहा है. इस रेलवे स्टेशन में एक लाख यात्री एक साथ रुक सकते हैं. रेलवे स्टेशन की भव्यता देखने लायक होगी. 200 करोड़ की लागत से बनने वाला रेलवे स्टेशन 3 पार्ट में बनाया जा रहा है जिसका एक पार्ट तकरीबन बनकर तैयार हो गया है.
राम मंदिर निर्माण इन्फॉर्मेशन
2.77 एकड़ में राम जन्मभूमि का निर्माण
57400 कुल निर्मित क्षेत्रफल
360 फिट मंदिर की लंबाई
235 फिट मंदिर की चौड़ाई
161 फिट ऊंचाई शिखर तक
03 कुल तलों की संख्या
20 फिट प्रत्येक तल की ऊँचाई 160 स्तम्भ प्रथम तल
132 स्तम्भ दुतीय तल
74 स्तम्भ तीसरा तल
05 शिखर व मंडपो की संख्या
12 मंदिर में द्वार
70 एकड़ भूमि में , 50 लाख श्रद्धालुओ के आने की प्रतिदिन संभावित ,
विशेष अवसर पर 50 लाख श्रद्धालुओ की संख्या
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