अयोध्या: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ राम जन्मभूमि परिसर की 67 एकड़ भूमि को विकसित करने की तैयारियां जोरों पर हैं. मेगा प्लान के तहत परिसर को विकसित करने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट और मेल पर 450 सुझाव मिले हैं. इसके लिए देशभर के इंजीनियर, वास्तुविद् डिजाइनर, आर्किटेक्ट से राम मंदिर की 3 एकड़ भूमि को छोड़कर परिसर में बाकी चीजों को विकसित करने के लिए सुझाव मांगा गया था. 


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सबसे अच्छी डिजाइन का चयन करने के लिए बनाई गई समिति 
वेबसाइट पर सुझाव और डिजाइनों को भेजने की अंतिम तारीख 25 नवंबर थी. अंतिम तिथि तक 450 के लगभग सुझाव डिजाइन के साथ राम जन्म भूमि ट्रस्ट की वेबसाइट और मेल पर मिले हैं. इनमें से सबसे अच्छे सुझाव और डिजाइन को चुनने के लिए एक समिति का गठन किया गया है. इस समिति का अध्यक्ष राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज को बनाया गया है. इनके साथ अन्य वास्तुविद आर्किटेक्ट संत समाज और ट्रस्ट के सदस्यों की एक टीम बनाई गई है. जो उन 450 सुझाव में से सबसे अच्छे सुझाव का चयन करेंगे. 


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राम मंदिर को इकोफ्रेंडली बनाने पर जोर 
ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र का कहना है, कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट चाहता है कि 70 एकड़ भूमि पर राम मंदिर इकोफ्रेंडली हो. इसके लिए पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पूरे देश में अयोध्या का राम मंदिर हरियाली से परिपूर्ण होगा. साथ ही, यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित देश की पहली नव ग्रह नक्षत्र वाटिका भी विकसित की गई है. इसके लिए राम मंदिर निर्माण में पर्यवारणविद का भी सहयोग लिया जा रहा है. अयोध्या में 70 एकड़ भूमि में बनने वाला राम मंदिर वास्तु दृष्टिकोण के साथ-साथ संस्कृति और सभ्यता के आधार पर भी विकसित किया जाएगा. 


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