Ramlala Surya Tilak: अयोध्‍या में रामनवमी पर होने वाले रामलला के सूर्य तिलक का ट्रायल सफल रहा है. अब रामनवमी के दिन वैज्ञानिकों की मौजूदगी में रामलला का सूर्य तिलक कराया जाएगा. इसको लेकर तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं. 17 अप्रैल को दोपहर करीब 2 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा. 


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पहली बार अयोध्‍या में मनाई जाएगी रामनवमी 
बता दें कि इसी साल 22 जनवरी को अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया. इसके बाद अयोध्‍या में रामलला के दर्शन करने के लिए रोजाना लाखों की संख्‍या में भक्‍त पहुंच रहे हैं. 500 साल बाद अयोध्‍या में पहली बार रामनवमी मनाने की तैयारी चल रही है. रामनवमी के दिन ही राम मंदिर में विज्ञान का अनोखा चमत्‍कार देखने को भी मिलेगा. रामलला का सूर्याभिषेक कराया जाएगा. राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान  रामलला के नूतन विग्रह पर सूर्य की किरणों से तिलक होगा. राम मंदिर की स्थापना और उद्घाटन के बाद यह पहली बार होगा. 


ऐसे होगा सूर्य तिलक 
रामलला को सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों की मदद ली जा रही है. इसके लिए आईआईटी रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक खास ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है. इसमें मंदिर के सबसे ऊपरी तल (तीसरे तल) पर लगे दर्पण पर ठीक दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें पडे़ंगी. दर्पण से 90 डिग्री पर परावर्तित होकर ये किरणे एक पीतल के पाइप में जाएंगी. पाइप के छोर पर एक दूसरा दर्पण लगा है. इस दर्पण से सूर्य किरणें एक बार फिर से परावर्तित होंगी और पीतल की पाइप के साथ 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी. 


वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी 
इसके बाद सूर्य किरणें लंबवत दिशा में नीचे की ओर चलेंगी. इस रास्ते में एक के बाद एक तीन लेंस पड़ेंगे. इनसे इनकी तीव्रता और बढ़ जाएगी. लंबवत पाइप जाती है. लंबवत पाइप के दूसरे छोर पर एक और दर्पण लगा है.   बढ़ी हुई तीव्रता के साथ किरणें इस दर्पण पर पड़ेंगी और पुन: 90 डिग्री पर मुड़ जाएंगी. 90 डिग्री पर मुड़ी ये किरणें सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी. वैज्ञानिक इसी तरह रामलला का सूर्याभिषेक कराने की तैयारी में है. अगर ऐसा होता है तो यह वैज्ञानिकों के लिए बड़ी उपलब्धि होगी. 


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