Panchang 11 Decmeber 2023: पंचांग से जानें सोमवार का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त
Aaj Ka Panchang 11 December 2023: 11 दिसंबर को मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की उदया तिथि त्रयोदशी और सोमवार का दिन है. त्रयोदशी तिथि सोमवार सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और फिर चतुर्दशी तिथि लग जाएगी. जानिए सूर्यास्त, सूर्योदय, चन्द्रास्त काल, चंद्रोदय, शुभ मुहूर्त, अशुभ मुहूर्त, तिथि, शुभ नक्षत्र, सूर्य राशि मुहूर्त.
Aaj ka Panchang 11 Decmeber 2023: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 11 Decmeber 2023 का पंचाग...
व्रत-त्योहार
मासिक शिवरात्रि
11 दिसंबर 2023 का शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि
11 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 11 मिनट तक.
सुकर्मा योग
11 दिसंबर को रात 8 बजकर 58 मिनट तक.
विशाखा नक्षत्र
11 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक स्वाती नक्षत्र रहेगा.फिर अनुराधा नक्षत्र लग जाएगा.
अभिजीत मुहूर्त
11:53 AM – 12:34 PM
अमृत काल
01:40 AM – 03:15 AM
ब्रह्म मुहूर्त
05:31 AM – 06:19 AM
राहुकाल- अशुभ काल
राहू: 8:24 AM – 9:40 AM
यम गण्ड: 10:57 AM – 12:14 PM
कुलिक: 1:30 PM – 2:47 PM
दुर्मुहूर्त: 12:34 PM – 01:15 PM, 02:36 PM – 03:17 PM
वर्ज्यम्: 04:11 PM – 05:45 PM
राहुकाल का समय
दिल्ली: सुबह 08:20 से सुबह 09:38 तक.
मुंबई: सुबह 08:23 से सुबह 09:46 तक.
चंडीगढ़: सुबह 08:25 से सुबह 09:42 तक.
लखनऊ: सुबह 08:03 से सुबह 09:21 तक.
भोपाल: सुबह 08:11 से सुबह 09:31 तक.
कोलकाता: सुबह 07:26 से सुबह 08:47 तक.
अहमदाबाद: सुबह 08:30 से सुबह 09:50 तक.
चन्द्र मास
अमांत: कार्तिक
पूर्णिमांत: मार्गशीर्ष
शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर): मार्गशीर्ष 20, 1945
वैदिक ऋतु: शरद
द्रिक ऋतु: हेमंत
सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
सूर्योदय
सुबह 7:03 AM
सूर्यास्त
शाम 5:25 PM
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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