Aaj ka Panchang 26 Decmeber 2023: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 26 Decmeber 2023 का पंचाग... 


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हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. 26 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है. इस बार पूर्णिमा तिथि 26 दिसंबर को सुबह 5.46 बजे शुरू हो जाएगी और अगले दिन सुबह 6.02 बजे समाप्त होगी.


आज का पंचांग


वार मंगलवार, 26 दिसम्बर 2023
तिथि पूर्णिमा: 06:02 AM, Dec 27 तक
नक्षत्र मॄगशिरा: 10:21 PM तक उसके बाद आर्द्रापक्ष शुक्ल पक्षमाह मार्गशीर्ष.


26 दिसंबर 2023 का पंचांग


आज की तिथि- पूर्णिमा
आज नक्षत्र – मृगशिरा
आज का करण – विष्टि
आज का पक्ष – शुक्ल पक्ष
आज का योग- शुक्ल till 03:08:33 AM, 27 दिसम्बर
आज का दिन- मंगलवार
चंद्र राशि – मिथुन
ऋतु – हेमंत


योग समय


शुक्ल - Dec 26 04:22 AM – Dec 27 03:21 AM
 ब्रह्म - Dec 27 03:21 AM – Dec 28 02:41 AM


सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय: 7:16 एएम
सूर्यास्त: 5:26 पीएम
चन्द्रोदय : Dec 26 4:45 पीएम
चन्द्रास्त : Dec 27 7:33 एएम


शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 12:00 पीएम से 12:41 पीएम
अमृत काल: 01:17 पीएम से 02:56 पीएम
ब्रह्म मुहूर्त: 05:39 एएम से 06:27 एएम


राहुकाल-अशुभ काल
राहू: 2:54 पीएम– 4:10 पीएम
यम गण्ड: 9:48 एएम–11:05 एएम
कुलिक:12:21 पीएम– 1:37 PM
दुर्मुहूर्त: 09:18 एएम–09:58 AM, 10:58 PM – 11:53 PM
वर्ज्यम्: 07:09 एएम – 08:49 एएम


चन्द्र मास
अमांत: मार्गशीर्ष
पूर्णिमांत : मार्गशीर्ष
वैदिक ऋतु: हेमंत


ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है. 


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 


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