Panchang 4 Decmeber 2023: पंचांग से जानें सोमवार का शुभ-अशुभ समय, जानें राहुकाल और कब होगा सूर्यास्त
Panchang 4 Decmeber 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार आज 4 दिसंबर 2023 सोमवार का दिन है. सोमवार मार्गशीर्ष कृष्ण तिथि सप्तमी (रात 10.00 बजे तक) तथा तदोपरांत तिथि अष्टमी विक्रमी सम्वत् : 2080, मार्गशीर्ष प्रविष्टे 19, साथ ही जानें सोमवार का राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय.
Aaj ka Panchang 4 Decmeber 2023: हिंदू कैलेंडर में पंचांग एक जरूरी हिस्सा होता है. यह महीने की तीस तिथियों और पांच अंगों (वार, योग, तिथि, नक्षत्र और करण) से मिलकर बनता है. दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में हर प्रकार की जानकारी प्रदान करता है. आइये जानते हैं 4 Decmeber 2023 का पंचाग...
4 दिसंबर 2023 का शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि
4 दिसंबर को रात 10 बजे तक.
वैधृति योग
4 दिसंबर को रात 9 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.
मघा नक्षत्र
सोमवार देर रात 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.
राहुकाल का समय
दिल्ली
4 दिसंबर सुबह 08:16 से सुबह 09:34 तक रहेगा.
मुंबई
सोमवार सुबह 08:19 से सुबह 09:42 तक रहेगा.
चंडीगढ़
सोमवार सुबह 08:21 से सुबह 09:38 तक रहेगा.
लखनऊ
4 दिसंबर की सुबह 07:58 से सुबह 09:17 तक रहेगा.
भोपाल
सोमवार सुबह 08:07 से सुबह 09:28 तक रहेगा.
अहमदाबाद
4 दिसंबर की सुबह 08:25 से सुबह 09:47 तक रहेगा.
चेन्नई
सुबह 07:42 से सुबह 09:07 तक रहेगा.
कोलकाता
सुबह 07:22 से सुबह 08:43 तक रहेगा.
सूर्योदय समय ग्रहों की स्थिति
सूर्य वृश्चिक में
चन्द्रमा सिंह में
मंगल वृश्चिक में
बुध धनु में
गुरु मेष में
शुक्र तुला में
शनि कुंभ में
राहू मीन में
केतु कन्या में
सूर्योदय-सूर्यास्त
सूर्योदय
सुबह-6:58 AM
सूर्यास्त-शाम 5:24 PM
ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से किसी महीने में 31 और किसी महीने में 1 दिन होते हैं. अगर हम हिंदू कैलेंडर की बात करें तो उसके हिसाब से हर माह में 1 दिन ही होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है. ये तिथियां दो पक्षों में होती हैं. इनमें से एक पक्ष को शुक्ल और एक पक्ष को कृष्ण कहा जाता है. ये 15-15 दिन के होते हैं. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इन तिथियों को प्रतिप्रदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और एक पक्ष की आखिरी तिथि को अमावस्या और दूसरे पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है. इन्हीं सब के आधार पर पंचांग बनता है.
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