Angarak Chaturthi November 2024: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक मास के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने लिए व्रत-पूजा की जाती है. पंचांग के अनुसार जब किसी महीने की चतुर्थी तिथि का संयोग मंगलवार को होता है तो इसे अंगारक चतुर्थी कहते हैं,  ये चतुर्थी भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ मंगलदेव की पूजा के लिए बहुत शुभ मानी जाती है. मंगलवार को ही हनुमान जी प्रकट हुए थे इसलिए इस वार को हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है. इस बार नवंबर 2024 में अंगारक चतुर्थी का संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं इस शुभ दिन के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.


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कब है अंगारक चतुर्थी?
पंचांग के अनुसार, अगहन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 नवंबर, सोमवार की शाम 07:56 से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 19 नवंबर, मंगलवार की शाम 06:28 तक रहेगी. चतुर्थी तिथि का चंद्रोदय 19 नवंबर, मंगलवार को होगा, इसलिए इसी दिन चतुर्थी का व्रत किया जाएगा और इस दिन मंगलवार होने से ये अंगारक चतुर्थी कहलाएगी।


अंगारक चतुर्थी नवंबर 2024 शुभ मुहूर्त
सुबह: 09:29 से 10:51 तक
सुबह: 10:51 से दोपहर 12:12 तक
दोपहर: 12:12 से 01:33 तक
दोपहर:  02:54 से 04:15 तक है.


अंगारक चतुर्थी व्रत-पूजा विधि (Angarak Chaturthi Puja Vidhi)
 सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और हाथ में जल-चावल और फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें. दिन भर व्रत के नियमों का पालन करें.आज के दिन किसी की बुराई न करें न मन में कोई बुरे विचार लाएं. पूजा की तैयारी सुबह ही कर लें. पूजन स्थान को गंगाजल या गोमूत्र छिड़ककर पवित्र करें. चौकी पर शुभ मुहूर्त पर भगवान श्रीगणेश का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें. भगवान को कुमकुम से तिलक लगाएं, फूलों की माला पहनाएं. मंदिर में गाय के शुद्ध घी का दीपक भी जलाएं. श्रीगणेश पर दूर्वा, अबीर, गुलाल, चावल रोली, हल्दी, फल, फूल आदि चीजें एक-एक करके  चढ़ाएं. पूजा के दौरान ऊं गं गणेशाय नम: मंत्र का जाप भी करें. गजानन को लड्डू का भोग लगाएं और पुजा के आखिर में आरती करें. शाम को चांद निकलने के बाद  जल से अर्ध्य दें और पूजा करें. इसके बाद ही भोजन करें और अपना व्रत खोलें.


अंगारकी चतुर्थी का महत्व (Angarki Chaturthi Significance 2024)
अंगारकी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने से घर के सारे नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. घऱ में शांति बनी रहती है. ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की कृपा से घर में आ रही सारी विपदाएं दूर होती हैं. व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इस दिन चन्द्र दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद पूरा होता है. 


डिस्क्लेमर
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं.कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.  इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं,