Neelkanth Bird Importance: दशहरा का उत्सव हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है. मान्यतानुसार, इस दिन भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण का वध किया था, इसलिए हर साल इस दिन रावन का पुतला दहन किया जाता है. इस दिन देशभर में अलग अलग जगहों पर रावण के पुतले का दहन किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार दशहरे दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ माना जाता है. इस पक्षी को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है.  दशहरे से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं. इनमें से एक है इस दिन नीलकंठ का दिखना. नीलकंठ (Neelkanth) पक्षी का दर्शन करना भी अत्यंत शुभ और मंगलदायी होता है. 


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सारे कष्ट हो जाते हैं दूर
विजयदशमी के दिन जिस घर पर नीलकंठ पक्षी आकर बैठ जाता है तो उस घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है. इसके अलावा मनुष्य के सारे पाप और कष्ट भी दूर हो जाते हैं.
धार्मिक शास्त्रों में अनुसार दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से भाग्य जाग जाता है.  घर में धन्य-धान्य की कमी नहीं होती है. वैसे तो नीलकंठ पक्षी कम दिखाई देते हैं. लेकिन यदि दशहरा के दिन इस पक्षी के दर्शन हो जाए तो समझो आपके अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे.


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नीलकंठ दर्शन का महत्व
दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्श करना शुभ माना जाता है. इसके लिए एक पौराणिक कथा प्रचलित है. नीलकंठ को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. पुराणों के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान राम पर ब्रह्माण हत्या का पाप लगा था. इस  पाप से मुक्ति पाने के लिए प्रभु राम ने भगवान शिव की आराधना-उपासना की थी. भगवान राम को इस पाप से मुक्ति दिलाने के लिए शिव जी ने नीलकंठ पक्षी का रूप धारण कर प्रकट हुए थे. ऐसा कहते हैं कि तभी से दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना शुभ माना जाता है. 


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नीलकंठ पक्षी दिखने पर करें ये काम
अगर दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी दिखाई दे जाए तो मंत्र (कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्। शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।। नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद। पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।) का जाप करें.


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