कार्तिक पूर्णिमा पर ही क्यों करते हैं गंगा स्नान, जानें तिथि एवं मुहूर्त
Kartik Poornima: कार्तिक मास में करवा चौथ से लेकर अहोई अष्टमी, धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन, भैया दूज, छठ पूजा और कई त्योहार आते हैं. इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह महीना कितना पवित्र है. इसलिए इस महीने में स्नान करना बहुत फलदायी है.
Ganga Snan 2024: कार्तिक माह में गंगा स्नान करना सनातन धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. इसके साथ ही यह बहुत फलदायी होता है. आपको बता दें कि गंगा स्नान हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा पर किया जाता है. इस बार 15 नवंबर को सुबह 06:19 मिनट से कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है. यह अगले दिन को सुबह 02:58 मिनट तक है. इसलिए गंगा स्नान 15 नवंबर को करना उचित रहेगा.
मान्यता है कि कार्तिक मास में गंगा स्नान करने से अमोघ फल प्राप्त होता है और पापों से मुक्ति मिलती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है. इसे देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी माता का पूजन किया जाता है. कार्तिक मास में गंगा स्नान करने का अपना एक विशेष महत्व है. ऐसा कहते हैं कि इस माह में सृष्टि को चलाने वाले भगवान विष्णु अपनी निद्रा से जागते हैं. भगवान चार महीने के अंतराल के बाद जगते हैं.
हिंदू शास्त्र कहते हैं कि विष्णु भगवान आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की एकादशी को क्षीरसागर में आराम करते हैं. वे चार महीने तक आराम करते हैं. इसके बाद वे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जगते हैं. हिंदू इस दौरान कोई शुभ काम नहीं करते हैं. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के बाद से सारे शुभ कार्य किए जाने शुरू हो जाते हैं.