Ghee Or Oil Which Deepak Is Best: सनातन धर्म में पूजा के समय दीपक जलाने का बड़ा महत्व है. पूजा में दीपक की भी पूजा की जाती है. आपने अक्सर देखा होगा कि कोई घी का दीपक जलाता है तो कोई तेल का. तेल में भी कई प्रकार के तेल के दीपक जलाए जाते हैं. क्या आप जानते हैं किस चीज के तेल का दीपक जलाने का मतलब क्या होता है. क्या पूजा में घी का दीपक जलाना सही है. इस प्रकार के सभी प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

घर के पूजा घर या मंदिर में घी, तेल, सरसो, ‍तिल या चमेली के तेल औऱ भी कई प्रकार के तेलों से दीपक जलाने के प्रचलन है. सभी को जलाने का अलग-अलग महत्व होता है. सनातन धर्म में घी का दीपक सबसे शुभ माना गया है लेकिन घी का दीपक तेल के दीपक के मुकाबले महंगा पड़ता है इसलिए लोग तेल का दीप ही ज्यादा जलाते हैं.


ये खबर भी पढ़ेंSomwar Upay : फरवरी का पहला सोमवार, करें ये उपाय, भोलेनाथ की कृपा से पूरे साल नहीं होगी पैसों की कमी


यहां दी जा रही जानकारी कर्मकाण्ड संबंधित पुस्तकों से ली गई है. 


  • सनातन धर्म के ग्रंथों में बताया गया है कि देवी या देवता के दाएं हाथ की ओर घी और बाएं हाथ की ओर तेल का दीपक जलाना शुभ होता है.
     

  • घी का दीपक सफेद खड़ी बत्ती से जलाना चाहिए. इस प्रकार की बत्ती को फूलबत्ती भी कहते हैं. किसी भी प्रकार का तेल हो उससे जलने वाले दीपक की बत्ती लंबी होनी चाहिए. किसी भी पूजा का विशेष फल प्राप्त करने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाएं तो उसमें लाल या पीली बत्ती लगानी चाहिए. 
     

  • घी का दीपक सभी देवी-देवता को समर्पित किया जाता है. जबकि तेल का दीपक ईष्ट देवता के लिए जलाया जाता है. भैरव देवता की पूजा के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाने का विधान है. तिल के तेल का दीपक मनोकामना की पूर्ति के लिए जलाया जाता है. 
     

  • आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए घी का दीपक जलाया जाता है. इससे देवी और देवता प्रसन्न होते हैं. मां लक्ष्मी की पूजा में घी का दीपक जलाने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं होती है. 
     

  • सरसों या तिल के तेल का दीपक शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए जलाया जाता है. 
     

  • पति की लंबी आयु की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए घर के मंदिर में महुए के तेल का दीपक जलाना चाहिए. 
     

  • हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाएं.  चमेली के तेल का जलाता दीपक देख हनुमान दी प्रसन्न होते हैं. संकटहरण हनुमानजी का विशेष आशिर्वाद प्राप्त करने के लिए तीन कोनों वाला दीपक जलाना चाहिए. 
     

  • शत्रुओं से बचने के लिए भैरवजी के यहां सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए भी सरसों का दीपक जलाया जाता है. 
     

  • राहु और केतु ग्रहों की दशा को शांत करने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाएं .
     

  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार घी का दीपक जलाने से घर की वायु शुद्ध होती है और हवा में मौजूद किटाणुओं का नाश होता है. इसकी सुगंध से मानसिक शांति मिलती है और डिप्रेशन दूर होता है.


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.